एक महीने के बाद भी पुलिस के पास नहीं पहुंची कोई शिकायत
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट एक्सक्लूसिव): ठगों से महाठगी के मामले में एक बार फिर से नया मोड़ आया है। जी हाँ ये वाक्य है जालंधर के अमन नगर में लोगों से 70 करोड़ की ठग्गी कर भागे मंगू का। सूत्रों के अनुसार मंगू केस में काफी कुछ खुल कर सामने आ रहा है।
मंगू ठग्ग मामले में जीजा, साला, साढू आदि कई रिश्तेदारों के नाम सामने आ रहें है। लगभग एक महीना पहले अमन नगर निवासी मंगू लोगों से 70 करोड़ की ठग्गी कर अपने परिवार सहित फरार हो गया। वही खबर सामने आ रही है कि मंगू अपने सांढु के दिल्ली वाले जीजा के झांसे में आकर बड़े पैमाने पर धोखाधडी कर बुरी तरह फंस चुका था और अब लेनदारों ने उसे तंग करना शुरू कर दिया था। यहाँ तक की उसे और उसके परिवार को गोली मारने की धमकी तक दी जाने लगी थी। अंदाज़ा लगाया जा रहा है इसी डर के चलते मंगू परिवार सहित शहर छोड़ कर भाग गया।
किन-किन लोगों ने दिए थे मंगू को पैसे
मंगू को पैसा देने वालों में एक आँखोंका डॉक्टर, 2-3 बिल्डर और प्रॉपर्टी कारोबारी, एक शराब तस्कर और कुछ छोटे व्यपारी मुख्या रूप से शामिल हैं। पर इनमें से कोई भी खुल कर सामने नहीं आ रहा। और तो और इन सबके आपस के ब्यान भी मेचलेस्स हैं। कोई कह रहा है कि मंगू 70 करोड़ ले गया तो कोई कह रहा है कि 50 करोड़ ले गया जबकि असली मामला कितने का है ये किसी को भी नहीं पता।
एक महीने बाद FIR दर्ज करवाने के लिए लगाए जा रहे हैं जुगाड़
मामले में एक महीना बात जाने के बाद भी पुलिस को अब कोई लिखती शिकायत दर्ज नहीं करवाई गयी है और अब कई मोहल्ला निवासी व लेनदार मंगू के खिलाफ fir दर्ज करवाने हेतू जुगाड़ लगाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके चलते लेनदारों ने अब अपनी पहुँच एक विधायक जी तक की तो पहले तो विधायक जी हैरान हुए और उहने यकीन नहीं हुआ की मामला इतना बड़ा हो सकता है जितना बड़ा बताया जा रहा है। फिर भी विधायक जी ने सिफारिश लगाते हुए कमिश्नर साहिब से सभी लेनदारों की मीटिंग फिक्स करवा दी।
आखिर कौनसा मामला दर्ज करे प्रशासन
प्रशासन अधिकारिओं को भी समझ नहीं आई कि आखिर मामला दर्ज क्या किया जाये? क्योंकि बिना लिखापढ़ी दिए गए पैसे की प्रशासन भी कोई गारंटी नहीं लेता। और यहाँ तो सारा का सारा पैसा ही कालाधन है। जिसे हर किसी ने अपने लालच में छुपा कर इन्वेस्ट किया था। इसी वजह से एक महीना बात जाने के बाद कोई इस मामले में FIR दर्ज नहीं करवा पाया। सूत्र बताते हैं कि अब तो प्रशाशन अधिकारी भी परेशान हो गए हैं कि आखिर मंगू पर कौन सा केस डाला जाए। कभी ट्रेवल एजेंट का केस डालने के बारे में सोच जा रहा है तो कभी धोखाधड़ी का केस डालने का प्लान बनाया जा रहा है। पर ये सब एक महीना बात जाने के बाद प्लान किया जा रहा है तो इसमें कुछ न कुछ तो गड़बड़-घोटाला प्रतीत होता है।
कोठी और कार को अवैध कामों में किया जा रहा है प्रयोग !
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि मंगू की अमन नगर स्तिथि कोठी पर अब अवैध कब्जा कर लिया गया है। और चौकाने वाली बात यह है कि यह कोठी बैंक द्वारा लोन पर है वही मंगू की जो i20 कार लेनदारों द्वारा अपने कब्जे में ली जा चुकी है उस पर भी बैंक लोन चल रहा है। सूत्र बतातें हैं कि अब मंगू की कार को गैर कानूनी तौर पर तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लेनदारों द्वारा उसके घर का दरवाजा तोड़ कर सभी सामान बेच दिया गया है।
आखिर कहाँ है सुसाईड नोट ?
सबसे हैरान कर देने वाली जो बात सामने आई है कि कुछ समय पहले मंगू द्वारा एक सुसाइड नोट भी लिखा गया था। जिसमे उसने अपने सांढु जीजा सेहत सभी लेनदारों के दवाब से तंग आकर यह सुसाइड करने के बारे में लिखा था। जिसमें उसने लिखा था कि उसे मोहल्ले के कुछ लोगों द्वारा पिस्तौल की नोक पर पैसा वापिस करने की धमकी दी जा रही थी। इस नोट में मंगू ने और जिन-जिन लोगो से उसे धमकाया था जिसमे कई मुहल्ला निवासी भी शामिल है उनके नाम भी लिखे हुए थे। सुसाइड नोट की बात सामने आने के बाद से अब यह सन्देह बना हुआ है कि मंगू व है उसका परिवार सही जीवित भी है या नही ?
इतना सब होने के बाद भी शहर की पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं है।
बताया जा रहा है कि बड़े-बड़े मुजरिमों को पकड़ने का दावा करने वाली कमिश्नेरेट पुलिस के हाथ अब तक खली ही हैं। क्योंकि अभी तक पुलिस को किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है। और शिकायत दी भी किस आधार पर जाए क्योंकि सबका पैसा तो…
होनी चाहिए उच्चस्तरीय जांच
कुछ सवाल इस मामले में मुह फाड़े खड़े हैं जिनका जबाव किसी के पास नहीं है। आखिर मंगू शहर से कुल कितने पैसे लेकर भागा ? जिन लोगों ने मंगू को पैसे दिए वह लोग सामने क्यों नहीं आना चाहते? उन लोगों के पास इतना पैसा कहाँ से आया था ? क्या ये सारा पैसा कालाधन तो नहीं था ? और सबसे बड़ा सवाल इतना सब होने के बाद भी पुलिस अब तक चुप क्यों है क्या पुलिस पर किसी तरह का दबाव है ? जो भी हो अगर ये मामला सच में इतना बड़ा है तो दाल में कुछ तो काला होगा ही। इसलिए इस मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।]]>