जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : कोविड टेस्ट के नाम पर मरीजों से ज्यादा रुपए वसूलना टैगोर अस्पताल काे महंगा पड़ा। जांच में आरोप सही पाए जाने पर अस्पताल को 90 लोगों से वसूले ज्यादा रुपए लौटाने को कहा गया है। इसके अलावा कोविड टेस्ट की ओवरचार्जिंग के मामले में अतुल्य लैब के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखने के साथ इसकी मान्यता खत्म करने के लिए भी संबंधित अथॉरिटी को सिफारिश भेजी जाएगी।
450 की जगह 600 से 900 रुपए वसूले टैगोर अस्पताल ने
प्रशासन को शिकायत मिली थी कि टैगोर अस्पताल में कोविड के RT-PCR टेस्ट के बदले अतिरिक्त वसूली की जा रही है। सरकार की तरफ से 450 रुपए रेट फिक्स होने के बावजूद टैगोर अस्पताल 900 रुपए ले रहा था। जिसके बाद DC घनश्याम थोरी ने पब्लिक ग्रीवएंस अफसर रणदीप सिंह गिल को जांच सौंपी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को तलब किया। जिसमें पता चला कि सैंपल कलेक्शन के नाम पर लोगों से 450 की जगह 600 से 900 रुपए वसूले जा रहे हैं। जिसे अब सभी 90 लोगों को वापस देने को कहा गया है। इसके अलावा टैगोर अस्पताल को कोविड टेस्ट की सरकारी रेट लिस्ट भी डिसप्ले करने को कहा गया है।
अतुल्य लैब में ओवरचार्जिंग के साथ कई गड़बड़ियां
टैगोर अस्पताल के अलावा अतुल्य लैब की तरफ से भी लोगों से ओवरचार्जिंग की जा रही थी। जांच में पता चला था कि सरकार की तरफ से पहले कोविड के RT-PCR टेस्ट के फिक्स के 450 से ज्यादा रुपए वसूले जा रहे थे। इसके अलावा अतुल्य लैब में जांच के दौरान पता चला कि वहां वैक्सीनेशन के लिए अलग रूम नहीं है। वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट का भी सही ढंग से डिस्पोजल नहीं किया जा रहा। अतुल्य लैब की यह करतूत दूसरी बार सामने आई है। पहले वो उस वक्त के तय 900 रुपए सरकारी रेट की जगह कोविड टेस्ट के 1200 रुपए वसूल रहे थे। अब इस लैब की मान्यता रद्द करने के लिए भी लिखा जा रहा है।