
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): Winter session of Parliament : संसद का शीतकालीन सत्र आज शुरु हो गया है। सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले, वो नारे नहीं, नीति पर जोर दे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लोकतंत्र को जिया है। इसके उमंग उत्साह को समय-समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ता जाता है। उन्होंने कहा कि यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए। नई पीढ़ी के सदस्यों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए। यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। राष्ट्रनीति पर बात होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, जिस गति से आज भारत की आर्थिक स्थिति नई ऊंचाईंयों को प्राप्त कर रही है। विकसित भारत की ओर जाने की दिशा में ये नया विश्वास जगाती है। साथियों ये सत्र संसद देश के लिए क्या सोचती है, क्या करना चाहती है और क्या कर रही है, ये दिखाती है। विपक्ष भी पराजय की निराशा से बाहर निकलकर सार्थक चर्चा करे। दुर्भाग्य से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पराजय भी नहीं पचा पाते। लेकिन मेरा सभी दलों से आग्रह है कि शीतकालीन सत्र में पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए और ये विजय के अहंकार में भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए।
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