शिमला (वीकैंड रिपोर्ट) : Himachal में बादल फटने व भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान पर जल्द विराम लगेगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने विभिन्न एजेंसियों के साथ सर्वेक्षण कर प्रदेश में भूस्खलन के मामले में संवेदनशील 675 जगहों को चिन्हित किया है। संबंधित जिला उपायुक्तों को इन संवेदनशील जगहों पर भूस्खलन से होने वाले नुकसान को कम करने के मकसद से कार्य योजना बनाने को कहा गया है।
पावर प्रोजेक्टों के निर्माण के दौरान खुदाई से निकलने वाले मलबे को कंपनियों को चिन्हित जगहों पर ही ठिकाने लगाना होगा। बरसात के मौसम में यह मलबा अक्सर परेशानी का सबब बना रहता है। राज्य में इन दिनों मानसून खूब तबाही मचा रही है।
बारिश से अब तक 116 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। बादल फटने व भूस्खलन की वजह से हुए हादसों में 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। लगातार हो रही बारिश व बादल फटने की घटनाओं से लोग खौफजदा हैं।
किन्नौर जिला में भूस्खलन को लेकर व्यापक अध्ययन किया गया है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के साथ साथ आईआईटी मंडी व रुडकी तथा सीबीआरआई के विशेषज्ञों ने अध्ययन किया है।
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