नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): सामान्य तौर पर लोग साफ-सफाई को इसलिए जरूरी मानते हैं, ताकि बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस से बचा जा सके। लेकिन हर बैक्टीरिया जानलेवा नहीं होता, बल्कि फायदेमंद भी होता है। हाल ही में हुए एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ कि एक विशेष तरीके का बैक्टीरिया खाने से दिल मजबूत बनता है और रोग की संभावना कम हो जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये बैक्टीरिया ह्यूमन इंटेस्टाइन में पाया जाता है। इसका नाम है अक्करमेंसिया म्यूसिनीफिला बैक्टीरिया। अगर इसे पास्चुरीकरण करके खाया जाए, तो इससे दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए जिम्मेदार कारक से सुरक्षा मिलती है। यह शोध नेचर मेडिसिन नामक मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ है। लौवेन यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं की टीम ने इंसान की आंत में पाए जाने वाले इस बैक्टीरिया पर शोध किया। इसके तहत 42 लोगों को इसमें शामिल किया गया जिसमें से 32 ने इस टेस्ट को पूरा किया। वैज्ञानिकों ने मोटापे के शिकार प्रतिभागियों (जिनमें ह्रदय रोग के कारक, डायबिटीज टाइप 2 और मेटाबॉलिक सिंड्रोम पहले से मौजूद थे) को इंटेस्टाइन में पाया जाने वाला बैक्टीरिया अक्करमेंसिया पास्चुरीकरण कर खाने को दिया। वैज्ञानिकों ने शोध में भाग लेने वाले लोगों को दो बराबर भागों में बांट दिया- इसमें से एक ग्रुप को जीवित बैक्टीरिया और दूसरे को पास्चुरीकृत बैक्टीरिया सेवन करने के लिए दिया गया। साथ ही इन्हें अपने लाइफस्टाइल, रूटीन लाइफ और खाने की आदतों में कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए गए। सप्लीमेंट की तरह इन्हें अक्करमेंसिया न्यूट्रीशनल दिया गया, जिसे इन्हें बिना नागा 3 महीने तक सेवन करना था। 3 महीने के बाद रिसर्चर्स ने प्रतिभागियों का परीक्षण कर पाया कि जिस ग्रुप ने पास्चुरीकृत बैक्टीरिया का सेवन किया था उनमें ह्रदय रोग और शुगर की बीमारी का रिस्क काफी हद तक कम हो गया था। इसके बाद लीवर भी पहले से बेहतर हुआ था और लोगों के वजन में भी तकरीबन 2.3 किलो गिरावट के साथ कोलेस्ट्रोल लेवल में भी गिरावट दर्ज की गई।]]>
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