जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Coronary Heart Disease : दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत तेजी से बढ़ा है। आज के समय में कोरोनरी हार्ट डिजीज सबसे प्रमुख स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की समस्याएं बेहद चिंताजनक हैं। कई शोध और अध्ययन इस बात की जानकारी देते हैं कि दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का जोखिम मनोवैज्ञानिक स्थितियों और मानसिक समस्याओं के कारण भी बढ़ जाता है। आइये जानते हैं इनके बारे में।
ज्यादा गुस्से की वजह से दिल की बीमारी का खतरा
कई अध्ययन और शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जिन व्यक्तियों में गुस्सा बहुत जल्दी आता है उन्हें दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम अधिक होता है। ज्यादा गुस्सा करने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या भी हो सकती है जिसके कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं।
ज्यादा दुःख के कारण
बहुत ज्यादा दुःख की स्थिति में रहने वाले लोगों को भी दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में अधिक रहता है। ऐसे लोग जो हर समय दुःख से घिरे रहते हैं उन्हें कई मानसिक बीमारियां हो सकती हैं जिसकी वजह से दिल की बीमारी का जोखिम भी बढ़ जाता है।
Coronary Heart Disease : डिप्रेशन की वजह से दिल की बीमारी का खतरा
डिप्रेशन की समस्या इंसान को सिर्फ मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी परेशान करती है। डिप्रेशन या अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अन्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है।
दिल की बीमारी से बचाव के टिप्स
स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्या के लंबे समय तक शिकार होने के कारण आपको दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। चिंता और तनाव के कारण आपके ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है । तनाव और डिप्रेशन के कारण होने वाली दिल की बीमारियों से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
- तनाव और चिंता की समस्या बढ़ने पर एक्सपर्ट डॉक्टर से इलाज जरूर कराएं।
- खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
- अल्कोहल के सेवन से बचें।
- स्मोकिंग की लत को छोड़ें।
- जंक फूड्स या प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।
- चीनी और साल्ट के सेवन से भी परहेज रखें।
- हार्ट के लिए फायदेमंद ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- रोजाना एक्सरसाइज या योग जरूर करें।