नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वामित्व योजना की शुरुआत करते हुए 4 लाख से अधिक लोगों को उनकी सम्पत्ति के ई-प्रापर्टी कार्ड (E-Property Card) वितरित किए. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर हुए. इस कार्यक्रम में पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए.
भारत के गांव आत्मनिर्भर बनें
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रगति और संस्कृति का नेतृत्व हमेशा गांवों ने ही किया है. इसीलिए आज देश अपनी हर नीति और हर प्रयास के केंद्र में गांवों को रखकर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि आधुनिक भारत के गांव समर्थ हों, आत्मनिर्भर हों.’ कोविड-19 के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी से बचाव के उपायों का पालन करने का आग्रह किया और कहा कि इसका संक्रमण गांवों में ना फैले. इसके लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे.
कोरोना को गांव में घुसने से रोकें
जो भी दिशा-निर्देश समय-समय पर जारी होते हैं, उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा. इस बार हमारे पास टीके का एक सुरक्षा कवच भी है. इसलिए हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि गांव के हर एक व्यक्ति को टीके की दोनों डोज भी लगें.’ उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, ये भी देश की जिम्मेदारी है. सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को मई और जून तक आगे बढ़ा दिया है. उन्होंने पंचायतों से आग्रह किया कि कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में वे अपनी भूमिका निभाएं.
ग्राम पंचायतों को बांटे पुरस्कार
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भी आपने इस संक्रमण (Coronavirus) को गांवों में फैलने से रोका था. पंचायतों ने गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. इस वर्ष भी हमारे सामने चुनौती गांवों तक इस संक्रमण को पहुंचने से रोकने की है.’प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 के तहत 224 पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, 29 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार और 12 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किए.
पिछले साल शुरू हुई थी योजना
उन्होंने एक बटन पर क्लिक के जरिए पांच लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की पुरस्कार राशि (अनुदान सहायता के रूप में) हस्तांतरित किए. बताते चलें कि आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र योजना ने पिछले साल 24 अप्रैल को स्वामित्व की शुरुआत की थी. इस योजना में गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण किया जाता है. इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा. योजना के ‘पायलट’ चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था।