नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : पूरा देश इस समय कोरोना महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है। अस्पतालों में ऑक्सिजन की किल्लत और बाजारों में जरूरी दवाइयों की कमी हर तरफ देखी जा रही है। ऐसे मुश्किल हालात में भारत को ब्रिटेन का साथ मिला है। ब्रिटेन भारत को 600 ऐसे उपकरण भेज रहा है जो कोरोना की लड़ाई में काम आएंगे। दूसरी तरफ, भारत को यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम की तरफ से जल्द ही कम से कम एक दर्जन आईएसओ कंटेनर प्राप्त होंगे जो देश के भीतर ऑक्सिजन पहुंचाने में मदद करेंगे। इन कंटेनरों को एशिया के अलग-अलग हिस्सों से भेजा या एयरलिफ्ट किया जा रहा है।
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम ने बताया है कि भारत में शिपमेंट के लिए पहले से ही एक और दर्जन कंटेनरों की पहचान की जा चुकी है और इस संख्या को तीन गुना करने के प्रयास जारी हैं। फोरम के सदस्य दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में ऑक्सिजन सिलेंडरों को एयरलिफ्ट करने पर काम कर रहे हैं जहां ऑक्सिजन की किल्लत चल रही है।
ब्रिटिश उच्चायुक्त ने हिंदी में कहा- ‘भारत के साथ है यूके’
दूसरी ओर, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने ट्विटर पर ब्रिटेन की तरफ से हर तरह की मदद देने का वादा किया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो संदेश में ब्रिटिश उच्चायुक्त हिंदी में बोलते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं- ‘मुश्किल के इस वक्त में यूके भारत के साथ है। प्रधानमंत्री बोरिक जॉनसन ने भारत को वेंटिलेटर्स और ऑक्सिजन कंसट्रेटर्स भेजने का फैसला लिया है। कोरोना से इस जंग में यूके भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है।’
सऊदी अरब और सिंगापुर का भी मिला साथ
बताया जा रहा है कि ब्रिटेन से कुल मिलाकर 9 कंटेनर भारत आएंगे, जिनमें 495 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, 120 नॉन इन्वेसिव वेंटिलेसर्ट और 20 मैनअल वेंटिलेटर्स शामिल हैं। ब्रिटेन के अलावा सिंगापुर और सऊदी अरब ने भी भारत का साथ देने का फैसला लिया है। सऊदी अरब भारत को 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भेजेगा। इससे पहले शनिवार को सिंगापुर से भी वायुसेना 4 ऑक्सिजन टैंकर एयरलिफ्ट करके ले आई है।