चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): पंजाब में कफ्र्यू के दौराना शराब के कारोबार की परतें बड़े गोरखधंधे के रूप में खुलने लगी हैं। एक्साइज विभाग ने हाल ही में राज्य की डिस्टलरीज का स्टॉक चेक करने के लिए जो छापामारी की थी, उसमें सनसनीखेज तथ्य सामने आ रहे हैं। कोविड-19 के कारण कफ्र्यू-लॉकडाउन लागू होते ही राज्य में शराब के कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सियासी नेताओं और भ्रष्ट एक्साइज अफसरों की तो जैसे लाटरी ही लग गई थी।
आपसी मिलीभगत से साथ राज्य में जमकर शराब की ब्लैकमार्केटिंग की गईं। पता चला है कि शराब की ब्लैक मार्केटिंग तैयार स्टॉक के सहारे ही हो रही थी लेकिन राज्य सरकार ने जब डिस्टलरीज को सैनिटाइजर तैयार करने की अनुमति दी तो डिस्टलरीज मालिकों ने उसकी आड़ में शराब की प्रोडक्शन ही खोल दी। एक्साइज विभाग की जांच में सामने आया है कि इस धांधली में डिस्टलरीज में तैनात अधिकतर एक्साइज इंस्पेक्टर भी शामिल रहे। हालांकि विभाग ने फिलहाल त्वरित कार्रवाई के तहत अधिकांश डिस्टलरीज में तैनात अफसरों का तबादला कर दिया है लेकिन अगली बड़ी कार्रवाई धांधली की पूरी जांच के बाद होगी। शराब तैयार करने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, उसी का उपयोग करके सैनिटाइजर तैयार किया जाना था। इस केमिकल में अल्कोहल की मात्रा 72 फीसदी से ज्यादा होती है और सरकार को 70 फीसदी अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर्स की जरूरत थी।
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