चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को राज्यभर में 1.41 करोड़ लाभपात्रों को फ़ायदा पहुंचाने वाली स्मार्ट राशन कार्ड की शुरुआत की और इसके साथ ही अलग स्कीम का ऐलान भी किया। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एन.एफ.एस.ए.) के अधीन कवर न होने वाले 9 लाख लाभपात्रों को सब्सिडी पर राशन मुहैया करवाया जाएगा, जिसके लिए फंड राज्य सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि इसके साथ ही राज्य के लाभपात्रों की कुल संख्या 1.5 करोड़ तक पहुँच जाएगी और स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम के अंतर्गत 37.5 लाख कार्ड योग्य लाभपात्रों को इस महीने बाँटे जाएंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने लाभार्थियों की संख्या की सीमा 1.41 करोड़ तय कर दी थी और बार-बार विनती करने के बावजूद एन.एफ.एस.ए. के अंतर्गत कवर न होने वाले 9 लाख योग्य लोगों को सब्सिडी पर राशन मुहैया करने के लिए सहमति नहीं अभिव्यक्त की थी। इस कारण वंचित रह गए ऐसे सभी योग्य व्यक्तियों को राज्य सरकार द्वारा फंड की एक स्कीम के अंतर्गत लाने का फ़ैसला किया गया, जिसके विवरण जल्द ही बताए जाएंगे।
राज्य में 100 विभिन्न स्थानों पर वर्चुअल ढंग (वीडियो कॉन्फ्रेंस) से स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के साथ भ्रष्टाचार पर नकेल डाली जा सकेगी और लाभार्थियों को किसी भी डिपो से राशन की खरीद करने की छूट होगी। लाभार्थियों के सशक्तिकरण की दिशा में इसको एक बड़ा कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कदम के साथ राशन डिपो होल्डरों द्वारा लाभार्थियों का किया जाने वाला शोषण बंद होगा। स्मार्ट राशन कार्ड एक लाभपात्री को यह अधिकार देता है कि वह अपने हिस्से का खाद्य पदार्थ पंजाब भर में किसी भी राशन डिपो से हासिल कर सके।
मुख्यमंत्री ने कृषि अध्यादेशों के द्वारा पंजाब के किसानों का हौसला तोडऩे के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बरसते हुए कहा कि किसानों ने राज्य और देश का सख़्त मेहनत करके पेट भरा है और यह अध्यादेश जो कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के ख़ात्मे का आधार हैं, किसानों के लिए विनाशकारी साबित होंगे। सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर मुद्दे का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह एक और समस्या है जिसका सामना पंजाब को करना पड़ रहा है। हालाँकि उन्होंने हाल ही में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ एक मीटिंग की है, पर यह समस्या राज्य का पीछा नहीं छोड़ रही। पिघल रहे गलेशियरों और राज्यों में पानी के लगातार गिरते जा रहे स्तर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति नाज़ुक है और राज्य किसी भी अन्य राज्य को पानी देने की हालत में बिल्कुल नहीं है।
एक सांकेतिक रस्म के तौर पर मुख्यमंत्री ने चार लाभार्थियों को पंजाब सिविल सचिवालय में स्मार्ट राशन कार्ड बाँटे जिसके बाद समूह मंत्रियों और विधायकों ने अपने-अपने जि़लों और हलकों में इन कार्डों की बाँट की। इससे पहले पंजाब के खाद्य, सिविल सप्लाई एवं उपभोक्ता मामले मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रणाली को पारदर्शी बनाने के अपने वायदे की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए पहले ही ई-पोस प्रणाली शुरू कर दी है, जिससे अन्न की चोरी को रोका जा सके। कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार ने नकली लाभपात्रियों और अयोग्य लोगों, जिनको बीती अकाली-भाजपा सरकार द्वारा असली लाभपात्रियों को अनदेखा करके राशन की बाँट की जा रही थी, को इस स्कीम के दायरे से बाहर कर दिया है।
खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री ने आगे कहा कि इन स्मार्ट कार्डों के कारण लाभपात्रियों को किसी भी दुकान से राशन लेने में मदद मिलेगी और इससे राशन डिपूओं का एकाधिकार ख़त्म होगा। कार्डधारक के बायोमैट्रिक की पहचान स्मार्ट राशन कार्ड में लगे चिप में स्टोर किए गए आंकड़ों से की जाएगी, जिससे राशन की ग़ैर-वाजिब तबदीली न हो सके। भारत भूषण आशु द्वारा केंद्र सरकार के किसान विरोधी कृषि अध्यादेशों को मुख्यमंत्री द्वारा रद्द किए जाने की सराहना की गई और कहा कि इस कदम ने पानी के रक्षक के अलावा मुख्यमंत्री को किसानों का रक्षक भी बना दिया है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने यह कार्ड लांच किए जाने को राज्य सरकार द्वारा एक और जि़म्मेदारी निभाने और एक और वायदा पूरा करना करार दिया गया, बावजूद इसके कि राज्य सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है और पंजाब को आंतरिक और बाहरी कई ख़तरों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य एस.वाई.एल. से लेकर कृषि अध्यादेश और जी.एस.टी. की समस्याओं से जूझ रहा है, परन्तु कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा विकास के काम निरंतर बिना रूके जारी हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक राशन बाँटने की स्कीम को लागू करना एक कठिन सफऱ रहा है, क्योंकि पिछली सरकार द्वारा इस मामले में भ्रष्टाचार और एकाधिकार प्रणाली चलाई जाती थी। केंद्र द्वारा पंजाब के साथ किए जाने वाले सौतेले सुलूक के कारण अकाली-भाजपा द्वारा राज्य पर 31,000 करोड़ सी.सी.एस. का बोझ राज्य पर डाला गया, जिसका अभी तक हल नहीं हुआ है। उन्होंने किसी भी कीमत पर किसानों की रक्षा करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, हमें यह यकीनी बनाना होगा कि सभी योग्य लोगों को स्कीम का फ़ायदा मिले चाहे वह किसी भी पार्टी के साथ सम्बन्धित हों। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर ढिल्लों ने माँग की कि पिछली सरकार के समय अयोग्य लाभपात्रियों को फ़ायदा देने के लिए की जाने वाली कल्याण योजनाओं के दुरुपयोग के मामले में जांच की जाए।