चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पंजाब सरकार निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए कीमतें निर्धारित करेगी और इसका पालन न करने वाले अस्पताल बंद कर दिए जाएंगे। फेसबुक पर लाइव प्रोग्राम ‘कैप्टन से सवाल’ के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के लिए फीस ढांचे को सोमवार तक अंतिम रूप दिया जाएगा।
निजी अस्पतालों द्वारा ज्यादा फीस लेने की शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने इसको ‘जन विरोधी और देश विरोधी’ करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि निजी संस्थाओं को लोगों की जिंदगी की कीमत पर लाभ कमाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बाहरी लोगों के कारण बढ़े कोरोना के मामले
अमरिंदर सिंह ने राज्य में कोरोना के केस बढने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसका कारण बड़ी संख्या में बाहर से आए लोगे हैं। उन्होंने बताया कि प्रांतीय सरहद पार कर आने वालों के लिए कोविड टेस्ट का सर्टिफिकेट लाजिमी करने के लिए राज्य को इजाजत देने की केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है। प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई मीटिंग के दौरान भी उन्होंने यह मसला उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में केवल दिल्ली से 87000 कारें पंजाब में दाखिल हुईं और बाहरी व्यक्तियों के कारण ही कोविड के मामलों में विस्तार हुआ है।
स्वास्थ्य सेवाओं का दिया ब्योरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के पास 551 वेंटिलेटर पहले ही मौजूद हैं और 93 का आर्डर किया जा चुका है। राज्य सरकार की तरफ से 4 लाख एन-95 मास्कों के आदेश दिए जा चुके हैं, ताकि 9.25 लाख के पहले के स्टाक को और बढ़ाया जा सके। सरकारी अस्पतालों में 6000 बेड और निजी अस्पतालों में अन्य 900 बेड तैयार हैं, जबकि मौजूदा समय 2500 बेड लग चुके हैं। दूसरे चरण में 10 हजार बेड और तैयार करने और तथा तीसरे चरण में 30000 बेड तैयार करने की योजना है।
इन सवालों का भी मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
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