
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Police Commemoration Day : देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी जानें कुर्बान करने वाले राज्य के बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए आज पंजाब आर्म्ड पुलिस ( पीएपी) हैडक्वाटर में 63वां राज्य स्तरीय पुलिस यादगारी दिवस मनाया गया। राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करते हुये डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस एक बेमिसाल फोर्स है जिसने शांत और अशांत माहौल में देश की तनदेही से सेवा की है। उन्होंने कहा कि सितम्बर 1981 से अगस्त 1992 के समय के दौरान 1792 पुलिस अधिकारियों ने आतंकवाद के साथ लड़ते हुए अपनी जानें कुर्बान की।
कुल 1792 शहीद पुलिस अधिकारियों में पंजाब पुलिस के 1604 अधिकारी और सिपाही शामिल हैं, जबकि बाकी 188 केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बल (सी. ए. पी. एफ.) के मुलाज़िम हैं। पीएपी कैंपस के अंदर बने पुलिस शहीद स्मारक में एक सभ्यक ढंग से यादगारी परेड का आयोजन किया गया। इस दौरान डी. जी. पी. पंजाब की तरफ से सलामी ली गई। इसके उपरांत कमांडैंट 80वीं बटालियन की तरफ से इस साल के शहीद होने वाले पुलिस बल के सभी 261 शहीदों के नाम पढ़े गए। उनको याद करते हुये दो मिनट का मौन भी रखा गया और बाद में सीनियर अधिकारियों ने शहीदी स्मारक पर पुष्पमालाएं भेंट की।
यह भी पढ़ें : Gangster Lawrence Transit Remand : गैंगस्टर लॉरेंस की जालंधर कोर्ट में हुई पेशी, 31 अक्टूबर तक ट्रांजिट रिमांड पर भेजा
इस मौके पर बोलते हुये डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने शहीदों के परिवारों को पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की तरफ से पूर्ण सहयोग और समर्थन का भरोसा दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम अपने नायकों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि पंजाब पुलिस सरहदी राज्य में शांति और सदभावना को यकीनी बनाने के लिए पूरी तनदेही और बहादुरी के साथ सेवा करती रहेगी।’’ समागम के बाद डीजीपी ने शहीदों के परिवारों के साथ मुलाकात की और हमदर्दी के साथ उनकी बात सुनी। उन्होंने पंजाब पुलिस की तरफ से शहीद परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा भी दिया।
Police Commemoration Day : पुलिस यादगारी दिवस का इतिहास
यादगारी दिवस का इतिहास 21 अक्तूबर, 1959 का है जब लद्दाख़ के हॉट सप्रिंग में सब-इंस्पेक्टर करम सिंह के नेतृत्व में सैंट्रल रिज़र्व पुलिस फोर्स ( सी. आर. पी. एफ.) की गश्त कर रही टुकड़ी पर चीनी बलों ने हमला कर दिया था, जिससे हमारे 10 जवान शहीद हुए थे। 16, 000 फुट की ऊँचाई पर अत्यंत ठंडे मौसम और विरोधी स्थितियों में हर तरह की कठिनाईयों का सामना करने वाले जवानों की बहादुरी मिसाली साहस दर्शाती है। इंडो-तिब्बतियन बार्डर पुलिस की तरफ से हर साल देश के सभी पुलिस बलों के एक प्रतिनिधि दल को हॉट सप्रिंगज़, लद्दाख़ में उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भेजती है जिन्होंने 21 अक्तूबर, 1959 को राष्ट्रीय सरहदों की रक्षा करते हुये अपनी जानें कुर्बान की थीं।
तब से हर साल 21 अक्तूबर को, सभी पुलिस इकाईयों में बहादुर पुलिस शहीदों के सम्मान के तौर पर श्रद्धांजलि परेड आयोजित की जाती है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जानें कुर्बान की। शहीदों की दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिए हथियार उल्टे किये जाते हैं और दो मिनट का मौन रखा जाता है। राज्य, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के पुलिस शहीदों के नाम उनकी तरफ से दिये महान बलिदानों को मान्यता देने के लिए पढ़े जाते हैं।
अपना व्यवसाय बढ़ाएं, हमारे साथ विज्ञापन के लिए संपर्क करें “डेली न्यूज़ रिपोर्ट (वीकैंड रिपोर्ट): संपर्क : +91 94173-13252
देश विदेश की खबरों के लिए अभी डाउनलोड करें हमारा मोबाइल ऐप :- CLICK HERE
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें :- CLICK HERE
हमारा यूट्यूब चैनल भी सब्सक्राइब करें :- CLICK HERE
नई व ताज़ा खबरों के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज :- CLICK HERE
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------











