जालंधर (वीकेंड रिपोर्ट) : अतिरिक्त ज़िला मैजिस्ट्रेट जालंधर जसबीर सिंह ने फ़ौजदारी संहिता 1973 की धारा 144 अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए ज़िला जालंधर (देहाती) की हद में आते सभी साईबर कैफे के मालिकों को आदेश दिए गए है, कि किसी अनजान व्यक्ति को जिसकी पहचान कैफे मालिक की तरफ से नहीं की गई, साईबर कैफे का प्रयोग करने पर रोक लगाई है।
जारी किये आदेशों में उन्होनें कहा कि साईबर कैफे का प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपने हाथ से अपना नाम, घर का पता, टैलिफ़ोन नंबर और पहचान सम्बन्धित सबूत का इंदराज करेगा। इसके इलावा प्रयोग करने वाला /आने वाले व्यक्ति की पहचान उसके पहचान पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लायसैंस, पासपोर्ट, फोटो क्रेडिट कार्ड के साथ की जायेगी। एक्टिविटी सरवर जो कि मुख्य सरवर में सुरक्षित होगा और इसका रिकार्ड मुख्य सरवर में कम से -कम छह महीनों के लिए सुरक्षित रखा जाना ज़रूरी है।
यदि साईबर कैफे में आने वाले किसी भी व्यक्ति की गतिविधि साईबर कैफे के मालिक को शकी लगती है, तो वह सबंधित थाने को सूचित करेगा। इसके इलावा किसी व्यक्ति की तरफ से इस्तेमाल किए गए विशेष कंप्यूटर के बारे में रिकार्ड को संभाल कर रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
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