चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): दिल्ली की तर्ज पर चंडीगढ़ प्रशासन भी मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने की तैयारी कर रहा है। प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने संकेत दिए हैं कि शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल रॉक गार्डन को फिर से बंद किया जा सकता है, क्योंकि लोग गार्डन के अंदर कोविड के दिशा-निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं।
शहर में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। दो नवंबर को शहर में कोरोना के सिर्फ 593 सक्रिय मामले रह गए थे। उस वक्त संक्रमण दर भी कम हो गई थी लेकिन लोगों की लापरवाही की वजह से अब सक्रिय केस दोगुने हो गए हैं। अक्तूबर महीने में मामलों के कम होने की वजह से त्योहारों के दौरान लोगों ने कोविड के दिशा-निर्देश की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं, इसलिए अब केस बढ़ने लगे हैं।
प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा का कहना है कि इन दिनों लोग बहुत लापरवाह हो गए हैं, इसलिए शहर में संक्रमण की दर को रोकने के लिए कुछ विशेष सख्ती बरतनी होगी। परिदा ने कहा कि दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसलिए दिल्ली से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की जांच को अनिवार्य किया जा सकता है। दिल्ली में मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को बढ़ा दिया गया है। संक्रमण की दर यही रही तो चंडीगढ़ में भी ऐसा किया जा सकता है, ताकि लोग लापरवाही न करें।
कुछ मार्केट में फिर लौट सकता है ऑड-ईवन
सूत्रों के अनुसार शहर में कोरोना का ग्राफ ऐसे ही बढ़ता रहा तो लॉकडाउन के दौरान की कुछ सख्ती फिर से शहर में लौट सकती हैं। इनमें कुछ मार्केट में ऑड-ईवन को फिर से लागू किया जा सकता है। कई राज्यों में संक्रमण की चपेट में स्कूलों के बच्चे और शिक्षक भी आने लगे हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकारों ने एक बार फिर से स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है।
इस मुद्दे पर मनोज परिदा का कहना है कि शहर के ज्यादातर स्कूलों में ऑनलाइन ही पढ़ाई हो रही है। स्कूलों में बहुत ही कम बच्चे पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं, इसलिए फिलहाल स्कूलों के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि प्रशासन ने दो जून को सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया था। बिना मास्क के घूमने पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया था।
चंडीगढ़ में बेकाबू हो गया था कोरोना, मांगनी पड़ी थी केंद्र से मदद
सितंबर के महीने में शहर में कोरोना बेकाबू हो गया था। केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए थे। इसलिए प्रशासन चार सितंबर को शहर में कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार से एक मेडिकल एक्सपर्ट टीम की मदद मांगी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ प्रशासन के अधिकरियों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई थी।
केंद्र सरकार के अधिकारियों ने पाया कि अगस्त महीने के बाद से शहर में कोविड के मामले तेजी से बढ़े। इस पर प्रशासन की तरफ से चंडीगढ़ को एक मेडिकल एक्सपर्ट टीम देने के लिए आग्रह किया गया। कुछ दिनों बाद केंद्र से 10 दिनों के लिए दो सदस्यीय टीम आई, जिसने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। उस रिपोर्ट के अनुसार ही प्रशासन ने काम किया, जिसके बाद कोविड के मामले शहर में कम हुए थे।
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