जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : शहर के होलसेल व रिटेलर पटाखा व्यापारी Cracker Dealers प्रशासन के साथ मिल कर सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं। इस काम में प्रशासन भी व्यापारियों का पूरा साथ दे रहा है यह तक की प्रशासनिक अधिकारी भी इन व्यापारियों को लोकडाउन व मंदी के नाम पर पूरी स्पोर्ट कार रहे हैं।
बल्टर्न पार्क में पटाखों की 100 से जायदा दुकानें सजी हैं जबकि सरकारी तौर पर लाइसेंस सिर्फ 20 लोगों को दिया गया है। सवाल ये है कि फिर बलि दुकानें कैसे लगी ? इस मामले में शहर के सोशल मीडिया पर प्रशासन को जाम कर ट्रॉल किया जा रहा है पर प्रशासन जानबूझ कर अनजान बना हुआ है।
कैसे शुरू होता है चूना लगाने का खेल
प्रशासन द्वारा है साल बल्टर्न पार्क में पटाखों की दुकानें लगाने के लिए लाइसेंस वितरण किया जाता है। प्रशासन द्वारा केवल 20 दुकानों के लिए ही लाइसेंस जारी किया जाता है जबकि दुकानें 120 से भी ज्यादा लगाई जाती हैं। अब सवाल यह है कि अगर इतनी दुकानें ही लगानी हैं तो फिर प्रशासन द्वारा है साल ड्रॉ निकालने का ड्रामा क्यों किया जाता है ?
जब सरकार को सिर्फ 20 दुकानों की फीस अदा की जाती है तो फिर बाकी दुकानों की फीस कोन खा जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पटाखा बेचने के लिए शहर में दुकानदारों की 4 एसोसियेशने बनी हुई हैं जो की हार साल अपने सदस्यों ने पैसे ले कर उनकी दुकानें लगवाती हैं।
एक दुकान के लिए प्रशासन को 1000 प्रतिदिन फीस अदा की जाती है और ड्रॉ निकालने के बाद एसोसियेशन द्वारा दुकानें बनवाने के एवज में दुकानदार से इस बार 42000 से ज्यादा रकम ली गई है। जिसमे दुकान को बनाने के इलावा 10 दिन के लिए दुकान का किराया भी शामिल है। जिसमे से सरकार को नाम मात्र फीस ही अदा की जाती है वो भी सिर्फ 20 दुकानों के लिए। बाकी 100 दुकानों की फीस भी पटाखा एसोसियेशन डकार जाति हैं।
कुछ सवाल जो प्रशासन को भी कठगढ़े में खड़ा करते हैं
जब लाइसेंस 20 दुकानों का है तो दुकानें 120 कैसे लगी ?
क्या प्रशासन को दुकानें नजर नहीं आती ?
बाकी की 100 दुकानों प्रशासन फीस कब वसूलेगा ?
अधिकारियों को जिम्मेदारी कोन तय करेगा ?
सवाल और भी हैं जो अगली कड़ी में पूछे जाएंगे।
प्रशासन या एसोसियेशन का कोई भी अधिकारी अपना पक्ष रखना चाहता है तो हमसे हमारे मोबाइल नंबर 9417313252 पर संपर्क करे सकते हैं हम उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।
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