नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): आयुर्वेद में गिलोय को अमृत का दर्जा दिया जाता है। इसे गुडुची भी कहा गया है। इसके औषधीय गुणों के कारण ही आयुर्वेद में गुडुची को इतना महत्वपूर्ण माना गया है। कई बीमारियों को दूर करने में इसे कारगर बताया गया है। डायबिटीज एक जीवन शैली से जुड़ी हुई बीमारी है, इससे ग्रसित मरीजों को अपने लाइफस्टाइल का बेहद ख्याल रखना चाहिए। हर कार्य को एक फिक्स टाइम पर करना चाहिए। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक दुनिया में ये बीमारी 7वीं सबसे घातक बीमारी बन जाएगी। बेहतर लाइफस्टाइल के साथ ही कई आयुर्वेदिक उपाय जैसे कि गिलोय भी मधुमेह बीमारी को कंट्रोल करने में कारगर हैं। आइए जानते हैं –
पोषक तत्वों का भंडार: गिलोय में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी को एंटी-डायबिटिक के तौर पर जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का काढ़ा, पाउडर या रस के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।
ब्लड शुगर रहता है काबू में: आज के व्यस्त दिनचर्या में जहां लोगों के खानपान व अन्य दैनिक गतिविधियों की कोई तय समय-सीमा नहीं होती है। ऐसे में ब्लड शुगर का अनियमित होना आम हो सकता है। ऐसे में गिलोय का सेवन इन मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। सीमित मात्रा में इसे खाने से ब्लड शुगर को काबू करने में मदद मिलती है। साथ ही, इसे खाने से शरीर में प्राकृतिक तौर पर इंसुलिन का उत्पादन होता है।
कम होता है ग्लाइसेमिक इंडेक्स: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार गिलोय एक हाइपो ग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में भी काम करता है जो मधुमेह को काबू में रखने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों को आमतौर पर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन करने की ही सलाह दी जाती है।
शुगर बर्न करने में मददगार: गिलोय के सेवन शरीर में पाया जाने वाला अतिरिक्त ग्लूकोज को बर्न करने में मदद करता है, इससे ब्लड शुगर का स्तर कम बना रहता है। बता दें कि गिलोय एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है। जिसका अंग्रेजी नाम टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया है।
कैसे करें गिलोय का सेवन: तमाम स्वास्थ्य फायदों के बावजूद गिलोय का सेवन सीमित मात्रा में ही करनी चाहिए। इसके अधिक इस्तेमाल से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर सीमित मात्रा में उपयोग जरूरी है। गिलोय के कुछ पत्ते लें और उन्हें 400 मिली लीटर पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। इस पानी को छान लें। 2-3 चुटकी लंबी काली मिर्च डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन (लगभग 10-15 मिली) दिन में दो बार करें। इसे 1 चम्मच शहद के साथ भोजन से पहले लिया जाना चाहिए।
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