नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2020 से नए मोटर व्हीकल रूल्स लागू कर दिए हैं। इसके तहत लोगों को आरसी, इंश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अहम डॉक्युमेंट्स को साथ लेकर चलने के झंझट से निजात दी गई है। वहीं, दूसरी तरफ आपकी एक छोटी सी गलती भी आपके ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने के लिए काफी होगी। ट्रैफिक डिपार्टमेंट अब मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्राइवेट और कमर्शियल व्हीकल्स के ड्राइवरों के व्यवहार पर नजर रखेगा।
सस्पेंड हो सकता है ड्राइविंग लाइसेंस
नए नियमों के मुताबिक, पुलिस या यातायात अधिकार के साथ खराब व्यवहार, गाड़ी नहीं रोकने, ट्रक के केबिन में सवारी बैठाने को खराब बर्ताव माना जाएगा। ऐसा पाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड या रद्द किया जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल की ओर से अधिसूचित नए नियमों के मुताबिक, मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा-19, 21 के तहत बस, टैक्सी में ज्यादा सवारी बैठना, सवारी के साथ दुर्व्यवहार, स्टॉप पर नहीं उतारना, बस चलाते हुए धूमपान करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, बेवजह वाहन धीरे चलाना, बस में सिगरेट पीना अब ड्राइवर को महंगा पड़ेगा।
यातायात पुलिस खराब व्यवहार वाले ड्राइवरों पर जुर्माना लगाने के साथ ही उनका डीएल निलंबित या रद्द कर सकती है। ऐसे ड्राइवरों की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी निलंबित या रद्द करने का प्रावधान होगा। इसमें वाहन में बैठी सवारी को उतारकर प्रदर्शन और हड़ताल में शामिल होने वाले तथा करने बुकिंग के बाद भी सवारी को ले जाने से इनकार करने वाले कैब के ड्राइवर भी शामिल हैं। वहीं, नए नियमों के तहत यातायात पुलिस और आरटीओ को जुर्माना राशि व ड्राइवरों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा। उन्हें हर दिन पोर्टल को अपडेट करना होगा, जिससे ड्राइवरों के व्यवहार का पूरा ब्योरा हासिल किया जा सके।
अधिकारियों के लिए ये काम करना हुआ अनिवार्य
नए कानून में अधिकारियों को दंडित ड्राइवर के व्यवहार का जिक्र भी करना होगा। इससे ड्राइवर के बारे में हर तरह की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर डाली जा सके। उपद्रव, जनता के लिए खतरा पैदा करने, वाहन चोरी, यात्रियों पर हमला, सामान की चोरी करने वाले ड्रावइरों का डीएल रद करने का प्रावधान पहली बार किया गया है। सरकार पोर्टल पर भी इसका रिकॉर्ड रखेगी। इससे भविष्य में ड्राइवर के व्यवहार की ऑनलाइन निगरानी हो सकेगी। इसके अलावा 1 अक्टूबर 2020 से डीएल और वाहनों के दस्तावेज पोर्टल पर रखने की सुविधा शुरू हो रही है। इससे पुलिस-परिवहन अधिकारी जांच के नाम पर कहीं भी व्हीकल रोककर फिजिकल डॉक्युमेंट्स की मांग नहीं कर सकेंगे।
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