जानकारी के अनुसार, मूलत: गुना के रहने वाले 33 वर्षीय राकेश चौरसिया तुलसी विहार, अवधपुरी में रहते थे। उनके साथ पिता रामचरण, पत्नी सुमन, तीन साल का एक बेटा और एक साल की बेटी रहते थे। राकेश का सीएचटी मल्टीटेक प्राइवेट लिमिटेड फर्म था। जिसमें गैस सेफ्टी डिवाइस और खेती से जुड़े उपकरणों की सप्लाई होती थी। मामले की जांच कर रहे टीआई सूर्यकांत अवस्थी ने बताया कि राकेश का दफ्तर आर्य भवन के पीछे, एमपी नगर जोन-2 स्थित बिल्डिंग की पहली मंजिल पर है। गुरुवार शाम उन्होंने अपने कर्मचारी मयंक से कहा कि तुम घर जाओ, मैं थोड़ी देर से जाऊंगा। इसके कुछ देर बाद पत्नी को फोन किया और कहा कि आने में थोड़ी देर लगेगी। इसके बाद उन्होंने दफ्तर में बैठकर थोड़ी शराब पी, एक कागज पर कुछ लिखा, फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
ऑफिस से मिला सुसाइड नोट
शुक्रवार सुबह 10 बजे जब मयंक दफ्तर पहुंचा तो उसने राकेश को फंदे पर लटका देख परिवार को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने कोरोना काल में व्यापार में हुए घाटे का जिक्र किया है। पुलिस जांच में पता चला है कि कारोबारी पर करीब 30 लाख रुपए का कर्ज भी हो गया था।