जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): हंस राज महिला महाविद्यालय जालंधर में वेद प्रचार सप्ताह 10 अगस्त से 17 अगस्त तक पूर्ण श्रद्धाभाव एवं उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस विशेष अवसर पर महाविद्यालय के संस्कृत विभाग एवं वैदिक अध्ययन सोसायटी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण/ श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता, आर्य विद्वानों के प्रेरणादायक व्याख्यान, वेदों की महत्ता, वैदिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के जीवन तथा शिक्षाओं पर चलचित्र छात्राओं को दिखाया गया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
दिनांक 10.8.2020 को हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. ज्योति गोगिया ने महात्मा हंसराज जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया। संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने विद्यार्थियों के साथ ‘वेदों की महत्ता’ विषय पर चर्चा की तथा विद्यार्थियो के प्रश्नों तथा जिज्ञासाओं का समाधान किया। इतिहास विभाग तथा संस्कृत विभाग ने मिलकर विद्यार्थियों के लिए वैदिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जिसमें विभिन्न विभागों की छात्राओं ने प्रतिभागिता की।
विभिन्न विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण, श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में बढ़-चढक़र भाग लिया तथा विद्यार्थियों ने वैदिक सूक्तियों, मंत्रों तथा श्लोकों के पोस्टर बनाए और सहर्ष आयोजन में सम्मिलित हुए। पोस्टर मेकिंग में कु. चाहत कक्षा ग्यारह, वैदिक प्रश्नोत्तरी में कु. हर्षिता बी.ए. समैस्टर तीन, श्लोकोच्चारण एवं मंत्रोच्चारण में बी.ए. समैस्टर एक की कुमारी खुशी तथा कु. कोमल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर विजयी रहीं।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी ने वेद सप्ताह के उपलक्ष्य में संस्कृत विभाग तथा वैदिक अध्ययन सोसायटी को बधाई दी और कहा कि यह हमारा नैतिक कत्र्तव्य है कि हम अपने विद्यार्थियों को महार्षियों की जीवन यात्रा से अवगत करवाएं। हमारी संस्था वैदिक परम्परा और आधुनिकता का सामंजस्य आरम्भ से ही बनाए हुए है।
वेद रूपी सूर्य के प्रकाश को अगर हमें घर-घर तक पहुंचाना है तो हमें अपनी युवतियों को जागरूक करना होगा क्योंकि वेद ज्ञान-विज्ञान के आदि स्रोत है। आज जिस वैश्विक परिस्थिति से हम गुजर रहे हैं, वैदिक शिक्षाएं हमारा पथ प्रदर्शित कर हमें संस्कार, सेवा, समर्पण की तरफ प्रेरित कर हमें आर्य बनने के मार्ग पर अग्रसर कर सकती है। हम श्रेष्ठ बनकर एक समृद्ध समाज की आधारभूमि तैयार कर सकते हैं ।
संगच्छध्वं संवदध्वं, वसुधैव कुटुम्बकम्, सर्वे भवन्तु सुखिन: में निहित भावना को हम सब को समझना चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों ने डॉ. ज्योति गोगिया, डॉ. प्रेम सागर एवं श्रीमती प्रोतिमा को बधाई दी तथा सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ और वैदिक अध्ययन सोसायटी की डीन श्रीमती ममता ने कहा कि वैदिक संस्कृति हमारी धरोहर है और आज हम सभी को वैदिक शिक्षाओं को आत्मसात करना चाहिए तथा उन्होंने विभिन्न विभागों से जुड़े सभी प्राध्यापकों को धन्यवाद ज्ञापित किया सभी प्रतिभागी छात्राओं को बधाई दी और जीवन में निरन्तर आगे बढऩे की प्रेरणा दी तथा भविष्य में भी ऐसी प्रतियोगिताओं में बढ़-चढक़र भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. ज्योति गोगिया, इतिहास विभागाध्यक्षा श्रीमती प्रोतिमा, श्रीमती पवन कुमारी, डॉ. दीप्ति धीर तथा अन्य भी मौजूद थे।
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