
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Supermoon : इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर यानी 5 दिसंबर 2025 को आसमान प्रेमियों के लिए खास मौका है। साल का अंतिम सुपरमून नजर आएगा, जो सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बड़ा और अधिक चमकीला दिखाई देगा। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा इस समय पृथ्वी के सबसे करीब (पेरिगी) होगा। देश के लगभग हर हिस्से — दिल्ली, पंजाब, मुंबई, राजस्थान, बिहार और छोटे कस्बों तक लोग इस अद्भुत खगोलीय दृश्य का आनंद ले सकेंगे। पंजाब के शहरों और गांवों में लोग 4 और 5 दिसंबर की रात इसे आसानी से देख पाएंगे। खुले आसमान में यह “कोल्ड सुपरमून” दिसंबर की ठंडी और लंबी रातों की शुरुआत का भी संकेत माना जा रहा है।

सुपरमून कब दिखाई देगा?
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपरमून शाम लगभग 7 बजे पूर्वी दिशा में उदय होगा और पूरी रात आसमान में अपनी चमक बिखेरता रहेगा। यह अगले दिन सुबह 7-8 बजे तक अस्त होगा। यानी लोगों के पास इसे पूरी रात देखने का मौका रहेगा। इस रात का दृश्य सिर्फ सुपरमून तक सीमित नहीं रहेगा। आसमान में शीतकालीन तारामंडल (Winter Constellations) और चमकता हुआ बृहस्पति ग्रह (Jupiter) भी साफ दिखाई देगा, जिससे यह खगोलीय नज़ारा और भी रोमांचक बन जाएगा।
Supermoon : सुपरमून क्या होता है?
सुपरमून उस समय बनता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब (पेरिगी) पहुंचता है। ऐसे समय चंद्रमा लगभग 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला नजर आता है। इस बार चांद सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बेहद निकट होगा, इसलिए इसका आकार अधिक उभरा हुआ और रोशन दिखाई देगा।

क्यों है यह रात खास?
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे खगोलीय दृश्य दुर्लभ होते हैं और युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने का काम करते हैं। साल में सामान्यतः 3-4 सुपरमून बनते हैं, और यह वर्ष 2025 का आखिरी और सबसे चमकीला सुपरमून माना जा रहा है।
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