नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): आचार्य चाणक्य राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विषयों के बारे में बहुत गहरी जानकारी रखते थे। उन्होंने हर चीज़ से जुड़ी जानकारियों को अपनी नीति पुस्तक चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में संग्रहित किया था। कहते हैं कि प्राचीन काल में कोई व्यक्ति या परिस्थिति ऐसी नहीं थी, जिससे चाणक्य विजय प्राप्त नहीं कर सकते थे। इतिहासकार बताते हैं कि आचार्य चाणक्य का दिमान इतना तेज था कि वो जटिल-से-जटिल समस्या का समाधान भी बहुत आसानी से ढूंढ लिया करते थे। पैसों को लेकर भी आचार्य ने कई बातें बताई हैं, आइए जानते हैं –
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च।
सूर्योदये वाऽस्तमिते शयानं विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणि:।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग कड़वा बोलते हैं उनके पास पैसा नहीं टिकता है। अपनी नीति पुस्तक में चाणक्य बताते हैं कि कठोर बोली बोलने वाले लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती और उन्हें सदैव धन की कमी और आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसलिए आचार्य लोगों को मधुर बोलने की सलाह देते हैं। उनका मानना था कि मीठे वचन बोलने वाले लोग अपनी बोली से किसी भी व्यक्ति का दिल जीत लेते हैं और इन लोगों को हर कार्य में सफलता हासिल होती है।
आचार्य कहते हैं कि जो लोग जरूरत से अधिक भोजन करते हैं, उन्हें भी गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। उनके मुताबिक ऐसे लोगों के पास लक्ष्मी ज्यादा समय तक नहीं टिकती हैं। ऐसे में आर्थिक संकट से बचने के लिए लोगों को सीमित मात्रा में ही भोजन करने की सलाह दी जाती है।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताया गया है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान सोने वाले इंसान के पास पैसा कभी नहीं रुकता। धार्मिक ग्रंथों में भी इस समय सोना अच्छा नहीं माना गया है। सूर्य देव एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं जो जीवन चलाते हैं, ऐसे में उनके दर्शन से न केवल आर्थिक बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होता है।
शास्त्रों में भी कहा जाता है कि लक्ष्मी का वास हमेशा साफ घरों में ही होता है। जो लोग अपने घर की साफ सफाई नहीं रख पाते उनसे मां लक्ष्मी कुपित हो जाती हैं। इतना ही नहीं, खुद को साफ रखना भी बेहद जरूरी है। मान्यता है कि जो सुबह उठने के साथ दंत मंजन नहीं करते हैं अथवा दांतों को साफ नहीं करते हैं, उन्हें पैसों की दिक्कत हो सकती है।