प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट कर औद्योगिकीकरण विस्तार में जुटी सरकार को बिजली कनेक्शन बढ़ोतरी का नुकसान उठाना पड़ेगा। बड़े उद्योगों को अभी तक एक केवीए (किलोवाट अंपीयर) के लिए एक हजार रुपये देने पड़ते थे। अब इसके 4882 रुपये चुकाने पड़ेंगे। लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को प्रति केवीए अब 500 की जगह 2047 से 2221 रुपये तक चुकाने पड़ेंगे। बिजली बोर्ड ने निर्माण कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले अस्थायी बिजली मीटरों में सबसे अधिक बढ़ोतरी की है।
अभी तक प्रति केवीए 850 रुपये देने पड़ते थे। अब 7826 रुपये लगेंगे। वाटर पंप सप्लाई के मीटर अब 350 रुपये प्रति केवीए की जगह 4873 रुपये में लगेंगे। सरकार को स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। स्ट्रीट लाइट कनेक्शन के लिए प्रति केवीए 500 रुपये लगते थे। अब 3525 रुपये लगेंगे। 27 अक्तूबर से बिजली बोर्ड के सॉफ्टवेयर में नए कनेक्शन के लिए आवेदन करने के लिए बढ़ी हुई राशि अपडेट हो गई है। कुछ माह पूर्व भी सरकार ने बिजली दरों पर सब्सिडी राशि घटाकर लोगों की परेशानियों को बढ़ाया था।
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना संकट के बीच हिमाचल में नया बिजली कनेक्शन लगाना तीन से चार गुना महंगा हो गया है। राज्य बिजली बोर्ड ने घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों पर एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट में भारी बढ़ोतरी कर दी है। घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए अब 360 रुपये प्रति किलोवाट की जगह 1158 रुपये चुकाने होंगे। औद्योगिक इकाइयों के कनेक्शन प्रति केवीए एक हजार से बढ़ाकर 4882 रुपये कर दिए। लघु एवं सूक्ष्म उद्योग, स्ट्रीट लाइट, वाटर पंप और अस्थायी मीटरों की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।