सिक्की और लिशा ने कहा कि भारत की आर्थिक सहायता करने के लिए हम समुदाय का सहयाेग चाहते हैं।
सिंगापुर (वीकैंड रिपोर्ट) : काेराेना के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए सिंगापुर के दाे व्यापारिक संगठनाें ने पहल की है। ये हैं, सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (सिक्की) और लिटिल इंडिया शॉपकीपर्स एसोसिएशन (लिशा)। इस संगठनों ने भारत की मदद के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया है।
सिक्की के चेयरमैन डाॅ. टी चंद्रू ने डीबीएस बैंक के साथ “इंडिया काेविड रिलीफ फंड’ नाम से खाता खोला है। इसमें समुदाय के लाेगाें से बढ़-चढ़कर याेगदान करने की अपील की गई है। सिक्की और लिशा ने कहा कि भारत की आर्थिक सहायता करने के लिए हम समुदाय का सहयाेग चाहते हैं। चंद्रू ने कहा, ‘हम भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहना चाहते हैं, क्योंकि यह ऐतिहासिक संकट है।’
सिक्की के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ 500 कॉरपोरेट सदस्य हैं। जबकि लिशा सिंगापुर के लगभग सभी छाेटे काराेबारियाें का प्रतिनिधित्व करता है। सिंगापुर ने पहले ही चार ऑक्सीजन कंटेनरों को हवाई मार्ग से भारत पहुंचाए हैं। सिंगापुर के कई अन्य संगठन भी भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। इसमें एचएचएल लाइफकेयर, गिलियड फार्मा जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। वहीं अमेरिका में 40 बड़ी कंपनियों के सीईओ ने मिलकर भारत की मदद के लिए वैश्विक कार्य बल बनाया है।
इन देशाें से भारत काे मदद की हाे चुकी है घाेषणा
- अमेरिका : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत की मदद का आश्वासन दिया है। बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका भारत की इस आपातकालीन स्थिति में सहायता मुहैया कराने को तत्पर है। ‘कोविशील्ड’ टीके के लिए तत्काल ही कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर भी काम कर रहा है।
- ब्रिटेन : ब्रिटेन ने रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सहित अन्य जीवन-रक्षक चिकित्सा उपकरण भेजने की घोषणा की। ब्रिटेन से 600 मेडिकल उपकरण भारत भेजे जा रहे हैं।
- सऊदी अरब : सऊदी अरब ने भारत को 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजा है। ऑक्सीजन भेजने का काम अडानी समूह और लिंडे कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है।
- यूरोपीय संघ : यूरोपीय संघ (ईयू) भारत की तेजी से मदद के लिए संसाधन जुटा रहा है। ईयू ने अपनी नागरिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया था। ताकि भारत को तत्काल ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति सहित अन्य मदद की जा सके।