नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों की राह रोक दी है। कोरोना के बढ़ते मामलों और प्रदूषण की दलील देकर दिल्ली सरकार ने एचआरटीसी के प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के लिए बस सेवा शुरू करने के साथ ही एचआरटीसी ने दिल्ली सरकार से भी मंजूरी मांगी थी।
मौजूदा समय में दिल्ली के लिए बस सेवा शुरू करने की लोगों की भारी मांग है। लिहाजा, एचआरटीसी दिल्ली सरकार को दोबारा प्रस्ताव भेजेगा। एचआरटीसी के कार्यकारी निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि दिल्ली के लिए बस सेवा शुरू करने की सभी तैयारियां कर रखी हैं। जैसे ही दिल्ली सरकार मंजूरी देती है, तुरंत प्रदेश के अलग-अलग जिलों से दिल्ली के लिए सीधी बस सेवा शुरू कर दी जाएगी।
अब बसों में रोटेशन पर ली जाएंगी कंडक्टरों की सेवाएं
उधर, प्रदेश और बाहरी राज्यों में चलाई जा रहीं निगम की बसों में कंडक्टर रोटेशन में सेवाएं देंगे। निगम इस तरह की योजना बना रहा है। प्रदेश में निगम के करीब 2800 बस रूट हैं। इनमें करीब 1800 रूटों पर बसें चलाई जा रही हैं। प्रदेश में जब तक कंडक्टर भर्ती विवाद नहीं सुलझ जाता, तब तक परिचालकों की इसी तरह सेवाएं ली जाएंगी। परिवहन निगम के बेड़े में 3 हजार बसें हैं।
इनमें सेवाएं देने के किए निगम को 45 सौ परिचालकों की जरूरत है। एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति की मानें तो निगम में 1200 कंडक्टरों की कमी है। समिति के पदाधिकारी खमेंद्र गुप्ता और राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि कंडक्टरों की कमी दूर करने को कमीशन के माध्यम से परीक्षा ली गई थी, लेकिन पेपर लीक होने से परीक्षा विवादों में आ गई है। उन्होंने सरकार से अस्थाई व्यवस्था की मांग की है। उधर, परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। बसों को चलाने के लिए चालकों को रोटेशन पर बाहरी राज्यों में जाने वाली बसों में भेजा जा रहा है।
जरूरत पर दफ्तरों में बैठें कंडक्टरों की ली जाएंगी सेवाएं
शिमला। परिवहन निगम में कर्मचारियों की भारी कमी है। चालकों-परिचालकों के अलावा लिपिक स्टाफ भी कम है। ऐसे में निगम ने कई कंडक्टरों की सेवाएं दफ्तर में ली हैं। जरूरत पड़ने पर इनकी फील्ड में सेवाएं ली जाएंगी।