नोएडा (वीकैंड रिपोर्ट): ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी का सर्वर हैक कर 100 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली फेज-3 पुलिस और साइबर सेल ने बुधवार को सेक्टर-100 से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को सस्ते दर पर मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेच रहे थे।
खास बात यह है कि आरोपी आधे दाम पर आईफोन देने का भी झांसा देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 लाख नकद, 10 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 12 डेबिट कार्ड, 4 आधार कार्ड, 3 पैन कार्ड, 2 इंटरनेट डोंगल, 2 चेक बुक और 2 एपल वॉच बरामद किया है। आरोपियों की पहचान साउथ गणेश नगर दिल्ली निवासी अंकित व हर्षित रमोला, ग्रेटर नोएडा निवासी आकाश बंसल और हापुड़ निवासी आकाश कंसल के रूप में हुई है।
90 लाख लोगों को भेजा था मैसेज
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपियों ने 90 लाख लोगों को बल्क मैसेज भेजा था। खास बात यह है कि इन लोगों ने आधे दाम पर आईफोन देने का झांसा दिया था। कई हजार लोग इनके झांसे में आ चुके हैं। आशंका है कि गिरोह ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने आईफोन बेचने के लिए प्री बुकिंग भी की थी।
2 सगे भाई चला रहे थे गिरोह
सेंट्रल नोएडा के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि निंबस एडकॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने कोतवाली फेज-3 में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया गया कि कुछ लोग कंपनी का सर्वर हैक कर सस्ते दरों में सामान बेच रहे हैं। गिरोह के सरगना अंकित और हर्षित हैं। दोनों सगे भाई हैं। ये 6 माह से धोखाधड़ी कर रहे थे। आरोपियों ने कंपनी को लाखों का चूना लगाया है। पुलिस आरोपियों के खाते की भी जांच कर रही है। वहीं, इनके साथ काम करने वालों को भी पहचान की जा रही है।
बिटक्वाइन से करते थे लेनदेन
डीसीपी ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन पेमेंट के लिए बिटक्वाइन का भी इस्तेमाल करते थे। साइबर सेल की टीम इस एंगल से भी जांच कर रही है। बिटक्वाइन एक आभासी डिजिटल मुद्रा है। जो किसी बैंक द्वारा संचालित नहीं होती है। इसे डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बता दें कि बिटक्वाइन भारत में प्रतिबंधित है।