नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): CBI ने टीडीपी के पूर्व लोकसभा सांसद रायपति संभाशिव राव और उनकी हैदराबाद स्थित कंपनी के खिलाफ 8000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का केस दर्ज किया है। आरोप है कि कैनरा बैंक की अगुआई वाले कंसोर्टियम को बड़ा चूना लगाया है जो कि देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक है।
पूर्व सांसद ट्रांसट्रॉय (इंडिया) लिमिटेड के अडिशनल डायरेक्टर हैं। उनके साथ अन्य लोगों पर फैब्रिकेटिंग अकाउंट्स, राउंड ट्रिपिंग और गलत तरीके से फंड जुटाने और कंसोर्टियम को 7,926 करोड़ के लोग का भुगतान न करने का आरोप है। कैनरा बैंक ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप है कि बैंकों की तरफ से मंजूर किए गए लोन अमाउंट को डायवर्ट किया गया जिससे कि 7,926.01 करोड़ का नुकसान कैनरा बैंक और अन्य बैंकों को उठाना पड़ा। यह राशि अब एनपीए बन गई है।
शुक्रवार को CBI ने कंपनी के परिसर में छापेमारी की थी। इसके अलावा कंपनी के अधिकारियों के ठिकानों पर भी रेड डाली गई थी। CBI सूत्रों का कहना है कि यह नीरव मोदी मामले से भी बड़ा घोटाला हो सकता है।
CBI के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया, ‘कैनरा बैंक के प्रतिनिधित्व में अन्य बैंकों का एक कंसोर्टियम बनाया गया था। आरोप है कि कंपनी ने बैंक अकाउंड की बुक में फेरबदल किए, बैलंस शीट से छेड़छाड़ की और फंड की राउंड ट्रिपिंग की।’ CBI का कहना है कि गड़बड़ी की वजह से बैंकों को भारी नुकसान हुआ है। CBI के मुताबिक नीरव मोदी ने 6000 करोड़ का फ्रॉड किया था जबकि मेहुल चौकसी ने 7,080.86 करोड़ की गड़बड़ी की है। यह इससे भी बड़ा बैंक घोटाला साबित हो सकता है।
संभाशिव राव पांच बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। इससे पहले वह राज्यसभा के सदस्य थे। 1982 में 39 साल की उम्र में वह राज्यसभा पहुंचे थे। वह कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। इंदिरा गांधी के समय उनका कांग्रेस के साथ लगाव हो गया। वह पहले सरपंच का चुनाव लड़े और जीते। बाद में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। गुंतूर में उनकी जयलक्ष्मी ग्रुप ऑफ कंपनी भी है। अब इस घोटाले के मामले में CBI उनपर शिकंजा कस रही है।