
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Seventh Navratri : आज भले ही नवरात्रि पर्व का आठवां दिन हो लेकिन इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की ही पूजा की जा रही है। माता रानी का सातवां स्वरूप मां कालरात्रि हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में भले ही भयानक लगता है, लेकिन ये बड़ा ही शुभ फलदायक है। मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं।
प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब शुंभ और निशुंभ नाम के राक्षसों ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया, तब देवताओं ने उनसे रक्षा के लिए मां दुर्गा की पूजा की। इस युद्ध में रक्तबीज नाम के एक राक्षस ने अपनी शक्ति से सभी को डरा दिया था। रक्तबीज को यह वरदान प्राप्त था कि उसके रक्त की एक भी बूंद धरती पर गिरने से उसी के समान एक और शक्तिशाली राक्षस उत्पन्न हो जाएगा। जब मां दुर्गा ने रक्तबीज को मारना शुरू किया, तो उसके रक्त की बूंदों से लाखों राक्षस पैदा हो गए, जिससे युद्ध की स्थिति और खराब हो गई। तब, मां दुर्गा ने अपनी शक्ति से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया।
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