
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) – Religious News : हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख का महीना दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है, साथ ही अमावस्या (27 अप्रैल) की तिथि बड़ी पावन और विशेष मानी गई है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु का पूजन का विधान है, साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 की सुबह 4:49 बजे शुरू होगी और 28 अप्रैल को रात 1 बजे तक रहेगी।
Religious News : सनातन धर्म में अन्न का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है अन्न का दान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और दान करने वाले व्यक्ति को सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वैशाख अमावस्या के दिन वस्त्र दान करने से व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती है और उसे वैकुंठ में स्थान मिलता है। वस्त्र दान से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और उसे अनंत सुखों का अनुभव होता है। वैशाख अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन दान करें। ‘मनुस्मृति’ में कहा गया है कि दान से पुण्य मिलता है और पितर प्रसन्न होते हैं।
यह उपाय धन और समृद्धि को भी लाता है। शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पितरों से सुख-शांति की प्रार्थना करें। यह उपाय पितरों की आत्मा को शांति देता है। इसके साथ ही, पशु-पक्षियों को दाना डालें, जैसे गाय को रोटी या कौओं को भोजन कराएं। यह छोटा कार्य आपके पुण्य बढ़ाता है। इस दिन भगवान विष्णु और शनिदेव की पूजा करें, क्योंकि वैशाख मास विष्णु को प्रिय है। इस कारण मंदिर में जाकर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
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