
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं। प्रथम नवरात्र पर आज उपासक मां शैलपुत्री की उपासना कर रहे हैं। नव का अर्थ है ‘नौ’ और रात्रि का अर्थ है ‘रात’। इन नौ रातों को देवी के नौ रूपों को समर्पित करके भक्ति और आनंद के साथ मनाएं।
मां शैलपुत्री आरती
शैलपुत्री मां बैल सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
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