जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Mahashivratri is coming : महाशिवरात्रि का पावन पर्व भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष अवसर होता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना के कुछ विशेष नियम होते हैं।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 फरवरी, दिन बुधवार की सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 27 फरवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा, इसलिए उदयातिथि के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का व्रत निराहार रहकर किया जाता है। इस व्रत में पूरे दिन अन्न नहीं खाया जाता है, इसलिए इस दिन निराहार रहें और केवल फल और दूध का सेवन करें।
महाशिवरात्रि के पर्व पर दिन में सोना वर्जित माना जाता है इसलिए इस दिन, दिन में न सोएं। वृद्ध , बच्चे और बीमार व्यक्तियों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है। महाशिवरात्रि पर पूजा के लिए काले रंग के कपड़े भूल से भी न पहनें। भगवान शिव की पूजा के लिए सफेद, लाल, पीला, केसरिया, या आसमानी रंग के कपड़ों का ही चयन करें। भोलेनाथ की पूजा करते समय कभी भी सीधे जमीन पर न बैठें। पूजा अर्चना हमेशा साफ सुथरे आसन पर बैठकर ही की जाती है।
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