जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Karwa Chauth 2021 : नवरात्रि से ही त्योहारों की शुरुआत हो गई है. दशहरा के बाद करवा चौथ आने वाला है और इस दिन का महिलाओं के लिए विशेष महत्व है. करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण मास की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म में सबसे कठिन माना जाता और दिनभर निर्जला व्रत करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने पर ही यह व्रत खोला जाता है. हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है.
व्रत की तिथि और शुभ मुहुर्त :-
इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर को है. चतुर्थी इस बार 24 अक्टूबर को रविवार के दिन प्रात: 03 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी और 25 अक्टूबर को प्रात: 05 बजकर 43 मिनट तक रेगी. यह व्रत 24 अक्टूबर को रविवार के दिन रखा जाएगा.
यह भी पढ़ें : Shri Balaji Maharaj Chowki – हनुमान मंदिर में श्री बाला जी महाराज की चौकी का किया गया आयोजन
Karwa Chauth 2021 : पूजन विधि :-
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह उठकर सरगी का सेवन करती हैं. सरगी की परंपरा हर घर में नहीं होती. जिनके यहां सरगी नहीं होती वह सुबह उठकर स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लेती हैं. फिर करवा चौथ की कथा पढ़ी और सुनी जाती है. कथा सुनते समय एक लौटे में जल और हाथ में चावल रखने चाहिए. इसके बाद तुलसी को जल का अर्घ्य दें. फिर पूरे दिन निर्जला और निराहार व्रत करती हैं. फिर चांद निकलने पर पूजा की थाली में धूप-दीप, रोली, पुष्प, फल, मिठाई आदि रख लें.
करवे में अर्घ्य देने के लिए जल भर लें. साथ ही मिट्टी के करवे में चावल भरकर रखें और साथ में कुछ दक्षिणा भी रख दें. चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा के दर्शन कर पूजा आरंभ करें. सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाएं और फल-फूल मिठाई अर्पित करें फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इसके बाद छलनी से चंद्रमा के दर्शन करते हुए पति को छलनी से देखें. पति के हाथों से जल पीकर व्रत की समाप्ति करें. इसके बाद पूजा की सामग्री और भेंट अपनी सास को दें.
व्रत का महत्व :-
करवा चौथ को लेकर मान्यता है कि यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है और इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर होती हैं. इस दिन माता पार्वती का पूजन किया जाता है और माता प्रसन्न होकर सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं.