धर्म (वीकैंड रिपोर्ट) : Chandra Darshan in Chaturthi : गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद शुक्ल मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन अगर आपने चंद्रमा को देख लिया तो, माना जाता है कि आप पर कलंक लग सकते हैं। इसलिए चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। आपको बता दें की भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से मानहानि हो सकती है और आप पर किसी तरह का कलंक लग सकता है। आज के दिन कलंकी चंद्रमा से दूरी बनाए रखने को कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार भगवान गणेश आसन पर विराजमान होकर अपना मनपसंद भोग खा रहे थे। इस दौरान चंद्र देव भी वहां से गुजर रहे थे। भगवान गणेश को भोग खाते देख चंद्र देव हंसने लगे और भगवान गणेश के पेट और सूंड का भी मजाक उड़ाने लग गए। चंद्र देव के इस बर्ताव को देखकर भगवान गणेश को गुस्सा आया और उन्होंने चंद्र देव को श्राप देते हुए कहा कि तुम्हें अपने रूप का बहुत घमंड है इसलिए मैं तुम्हें श्राप देता हूं कि तुम अपना रूप खो दोगे। वहीं, तुम्हारी सारी कलाएं भी नष्ट हो जाएंगी। जो व्यक्ति तुम्हें देखेगा उसे भी कलंकित होना पड़ेगा।
Chandra Darshan in Chaturthi : इस दौरान सभी देवी देवताओं ने भगवान गणेश से प्रार्थना की वह अपना श्राप वापस ले। ऐसे में भगवान गणेश ने कहा कि वह अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकते हैं। लेकिन इसे सीमित कर सकते हैं। भगवान गणेश ने चंद्र देव का श्राप कम करते हुए कहा कि महीने के 15 दिन चंद्र देव की कलाएं बढ़ेगी और 15 दिन क्षीण रहेंगी। कलंकित होने के कारण केवल चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित होगा। इस लिए चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए।
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