जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)–Basant Panchmi… हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को बसंत पंचमी के नाम जाना जाता है। इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस खास अवसर पर विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। पूजन का मुहूर्त सुबह 6.44 से दोपहर 12.21 तक श्रेष्ठ होगा। वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की सुबह स्नान कर पूजा करनी चाहिए। पूजन में दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, पीले व सफेद रंग की मिठाई व फूलों को अर्पण करना चाहिए। इस दिन पीले वस्त्रत्त् पहनने चाहिए और पीले रंग की खाद्य सामग्री का सेवन करना चाहिए। वसंत पंचमी पर कामदेव और रति का पूजन भी किया जाता है।
Basant Panchmi… वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के लिए शुभ योगों व नक्षत्रों का निर्माण होने जा रहा है। बसंत पंचमी पर रेवती के साथ अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा शुभ, रवि योग, शुक्र-मंगल-बुध की युति से त्रिग्रही योग बनेगा. वहीं बसंत पंचमी के दिन मेष राशि में चंद्रमा-गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है जो धन दायक माना जाता है । ऐसे में अगर विद्यार्थी माता सरस्वती की पूजा के दौरान उनकी प्रिय वंदना करेंगे और माता के मंत्रों का जाप करेंगे तो माता सरस्वती की कृपा आपको जरूर प्राप्त होगी।
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