
स्यालकोट (वीकैंड रिपोर्ट): पाकिस्तान के स्यालकोट में स्थित एक हजार वर्ष पुराने एतिहासिक शिवालय तेजा सिंह मंदिर को विभाजन के 72 साल बाद खोला गया है। 1947 में विभाजन के बाद हुए दंगों के दौरान इस मंदिर को नुकसान पहुंचा था। दूसरी बार बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद इसे नुकसान पहुंचा था। विभाजन के बाद से ही यह मंदिर बंद पड़ा था। पाकिस्तान स्थित मंदिरों व गुरुद्वारा साहिबान का प्रबंध देख रहे बोर्ड ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। जानकारी के अनुसार, दो जुलाई को स्यालकोट के हिंदुओं को इस मंदिर की चाबियां सौंप दी गई हैं। इस मंदिर का निर्माण 1000 साल पहले हुआ था। बड़े-बड़े पिलर बनाए गए हैं। मंदिर में प्रवेश करने के लिए इन्हीं पिलरों के बीच मुख्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। मंदिर कई मंजिल का था। हर मंजिल में अलग-अलग हिंदू देवी-देवताओं की मनमोहक मूर्तियां सुशोभित थीं। मंगलवार को एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की ओर से मंदिर में एक विशेष उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया था। उप सचिव (श्राइन) सैयद फराज अब्बास ने इस स्थल का दौरा किया। साथ ही स्यालकोट में बसे हिंदू समुदाय को मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए आमंत्रित किया। हिंदू समुदाय की ओर से आयोजित हवन यज्ञ कार्यक्रम व समारोह की अध्यक्षता सैयद फराज अब्बास ने ही की। हिंदू समाज के लोगों ने हवन यज्ञ में आहुति डालकर मंदिर में पूजा-पाठ किया। इस अवसर पर सैयद फराज अब्बास ने स्थानीय हिंदू और मुस्लिम नेताओं से मुलाकात भी की।]]>
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