चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): पंजाब रोडवेज ठेका वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल आरंभ कर दी है। आज मंगलवार से कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। युनियन ने अपनी मांगों का ऐलान पहले ही कर दिया था। पनबस की यह हड़ताल 4 जुलाई तक जारी रहने वाली है। इस कारण यात्रियों को तीन दिन तक परेशानी झेलनी पड़ेगी। युनियन लीडरों का कहना है कि कैप्टन सरकार अपने वादों से मुकर रही है। इस हड़ताल के कारण लुधियाना, जालंधर, पटियाला, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर व मोगा जिले काफी प्रभावित हो रहे हैं और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब के 18 रोडवेज़ डिपओं में हड़ताल के कारण पंजाब सरकार को लाखों रूपये का वित्तीय घाटा उठाना पड़ेगा। अपनी मांगे मनवाने के लिए 3000 रोडवेज़ कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे 150000 लोग प्रभावित हो रहे हैं। यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल ने बताया कि 21 जून का सिविल सचिवालय में बैठक के दौरान ट्रांस्पोर्ट मंत्री को अपनी मांगों से अवगत करवाया गया था। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारी उनकी मांनी हुई मांगो को लागू करवाने में टाल-मटोल करते आ रहे हैं। 6 मार्च को सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ौत्तरी का भरोसा दिया था, किंतु आज तक इस संबंध में कुछ नहीं हुआ। गिल ने बताया कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, कर्ज मुक्त पनबस की बसों स्टाफ सहित रोडवेज़ में शामिल करना, वेजन वृद्धि, ठेकेदारी सिस्टम को समाप्त कर कर्मचारियों को डयूटी पर बहाल करना आदि उनकी मांगे हैं। इनमें रेगुलर करने की मांग को छोड़कर बाकी मांगों को लागू करने में अधिकारी टाल-मटोल करते आ रहे हैं।]]>
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