
भोगपुर (वीकैंड रिपोर्ट)- Humanity is ashamed : पूरे पंजाब में आपको हर रोज ऐसी घटनाएं दिख जाएंगी जिसमें स्थानीय़ पुलिस और ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए चालानों का जनता विरोध करती दिखती है। जनता कई बार पुलिस पर चालान के नाम पर धक्केशाही का आरोप लगाती है। कई बार सचमुच में प्रतीत होता है कि पुलिस धक्केशाही ही कर रही है। जैसे कि भोगपुर में हुई घटना ने पुलिस की धक्केशाही का प्रमाण दिया है। यहां महाराष्ट्र से आई एक बस का ड्राइवर अचानक बीमार हो गया और वह भोगपुर बस स्टैंड पर रुका। उसने बस साइड में लगा दी और ड्राइवर को संजीव अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी बीच पुलिस की गाड़ी नंबर 112 के कर्मचारी माैके पर पहुंचे और सड़क किनारे बस का चालान काट दिया।

Humanity is ashamed – Shameful act of Punjab Police
यात्रियों की शिकायत के बावजूद भी बस को नहीं बख्शा गया औैर बस में बैठे यात्रियों ने चालान भरा दिया। तभी स्थानीय दुकानदार इकट्ठे हो गए और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। दुकानदारों ने कहा कि यहां कोई जाम नहीं लगा। ड्राइवर की हालत खराब थी इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया इसलिए पुलिस को मानवता के लिहाज से चालान नहीं काटना चाहिए था। इस दाैरान यह भी पता चला कि जिन पुलिस कर्मियों ने चालान काटा उनकी खुद की गाड़ी के दस्तावेज पूरे नहीं थे।
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