पंजाब (वीकेंड रिपोर्ट) : पंजाब के किसान संगठनों ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की तरफ से लगाए लॉकडाउन के विरोध में दुकानें खुलवाने का एलान किया था। वहीं दुकानदारों ने इससे इनकार कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि वे जिला प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार ही दुकानें खोलेंगे।
शनिवार को मोगा में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के कार्यकर्ताओं ने नेचर पार्क में एकत्रित होकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद नेचर पार्क से लेकर मोगा के जोगिंदर सिंह मुख्य चौक तक रोष मार्च भी निकाला गया वहीं किसानों की लॉकडाउन खुलवाने की कॉल का समर्थन न करते हुए दुकानदार एसोसिएशन ने कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए जिला प्रशासन का साथ देने का एलान किया है। दुकानदारों ने कहा कि वह जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार ही अपनी दुकानें खोलेंगे। पठानकोट में भी लॉकडाउन के विरोध में किसानों ने रोष प्रदर्शन किया।
उल्लंघन को सख्ती से निपटने के दिए गए थे आदेश
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में बढ़ रहे कोविड के मामलों के मद्देनजर सभी डिप्टी कमिश्नरों को अपने-अपने जिलों में जरूरत के अनुसार कोई भी नया और सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत कर दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि दुकानों और निजी दफ्तरों को रोटेशन के आधार खोलने के फैसले को छोड़कर बाकी मौजूदा प्रतिबंधों में किसी तरह की ढील बरतने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने डीजीपी को राज्य में साप्ताहिक लॉकडाउन को सख्ती से लागू करवाने और शनिवार को किसान संघर्ष मोर्चे के लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शन को देखते हुए किसी भी तरह के उल्लंघन को सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे। कैप्टन ने कहा था कि 32 किसान यूनियनों का किसान मोर्चा, राज्य सरकार पर शर्तें नहीं थोप सकता। उन्होंने प्रतिबंधों के उल्लंघन की सूरत में सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंधों का उल्लंघन करके कोई भी दुकान खोली गई तो दुकान मालिक पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।