मध्य प्रदेश (वीकैंड रिपोर्ट) : MP Panchayat Election : मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव अब OBC आरक्षण के साथ होंगे. यह फैसला देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने राज्य चुनाव आयोग से एक हफ्ते के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है. SC ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को आधार मानकर पंचायत चुनाव में आरक्षण का आदेश दिया है. SC ने अपने आदेश में कहा कि 50% से ऊपर आंकड़ा नहीं होना चाहिए. इससे पहले ट्रिपल टेस्ट का पालन करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने रिपोर्ट पेश की थी. BJP ने इसे अपनी जीत बताया है कांग्रेस ने इसे MP के OBC लोगों की जीत बताया है. SC ने बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट की धारा 3 की संवैधानिकता को बरकरार रखा, जो केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल स्थापित करने की शक्ति देता है.
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जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की बेंच ने यह भी माना कि भोपाल और जबलपुर में NGT की सीटें स्थापित करने की प्रार्थना अनुचित थी, यह देखते हुए कि बेंचों को अत्यावश्यकता के अनुसार बनाया गया है. SC में NGT के आदेशों के खिलाफ अपील सीधे सर्वोच्च अदालत में किया जाना हाईकोर्ट के अधिकार को कमजोर नहीं करता है. इससे पहले पिछले सप्ताह SC ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग स्थानीय निकायों के लिए डी-लिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करने और OBC आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट मानदंड को पूरा किए बगैर चुनाव स्थगित नहीं कर सकते.
MP Panchayat Election : पीठ ने कहा कि पिछले साल मार्च में एक फैसले में निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला देश भर के सभी स्थानीय निकायों के चुनावों पर लागू होगा और सभी राज्यों और चुनाव आयोगों के लिए बाध्यकारी है. SC ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को 23,400 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था. SC ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि OBC को बढ़ावा देने वाली राजनीतिक पार्टियां जनरल सीट पर OBC उम्मीदवार उतार सकती हैं. SC ने कहा कि निकाय चुनाव न टालने के आदेश बाकी राज्यों पर भी लागू होगा. कोर्ट के मुताबिक, खाली सीटों पर 5 साल में चुनाव करवाना संवैधानिक जरूरत, इसे किसी भी वजह से टाला नहीं जाना चहिए.