जालंधर (प्रदीप वर्मा) : Jalandhar North Seat Equation : मोदी की रैली के बाद भाजपा में जोश भर गया है ठीक वैसे ही जैसे चन्नी के सी.एम घोषित होने के बाद कांग्रेस में जोश भर गया था पर ये जोश कहीं ओवर कॉन्फिडेंस में न बदल जाए। कांग्रेस के कुछ प्रत्याशी अभी जीत तय मान कर निशचिंत हो कर बैठे हैं पर यह ओवर कॉन्फिडेंस ही कहीं इनकी नैया न डुबो दे। बात करें जालंधर नार्थ की तो कांग्रेस के प्रत्याशी बावा हैनरी यहां से विधायक हैं और पूर्व विधायक के.डी भंडारी से उनका मुकाबला है। वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से पूर्व कांग्रेसी दिनेश ढल्ल को यहां से मैदान में उतारा है।
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भंडारी व बावा में टक्कर
इलाके के रुझान की बात करें तो पूर्व विधायक भंडारी की स्थिती यहां से काफी मजबूत नज़र आ रही है भंडारी को यहां बाल किशन बाली का साथ मिला है वहीं कांग्रेसी पार्षद देस राज जस्सल के संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मैदान में उतरने के कारण कांग्रेस की स्थिती कमजोर हुई है। दूसरी ओर ढन्न मोहल्ला से भाजपा के पूर्व पार्षद सतिश शर्मा के कांग्रेस ज्वाईन करने के बाद भंडारी को भी यहां से नुकसान उठाना पड़ सकता है। बावा हैनरी की सोफ्ट नेचर यहां उनके लिए प्लस प्वाईंट वही इस बार भंडारी का भी लोगों से मिलना जुलना उन्हे फायदा में ले जा रहा है।
‘आप’ को भगवंत या केजरीवाल के चहरे पर ही पड़ेगा वोट
Jalandhar North Seat Equation : वहीं बात करें आप प्रत्याशी दिनेश ढल्ल की तो ढल्ल को पूर्व कांग्रेसी होने का फायदा मिलेगा पर विरोधीयों द्वारा उन पर बार-बार शराब माफिया होने के लगाए जा रहे आरोपों के कारण उन्हें शहर के शरीफ तबके का वोट नहीं मिलेगा। क्योंकि लोग कभी भी किसी शराब माफीया को यहां से विधायक नहीं बनाना चाहेंगें। एसे में आप को केवल भगवंत या केजरीवाल के चहरे पर ही वोट पड़ेगा जिस से उनका यहां से जीत पाना असंभव सा प्रतीत हो रहा है।
अकाली बसपा भी कमजोर
अकाली बसपा की तरफ यहां पर कुलदीप सिंह लुबाना को टिकट दिया गया है जो कि पार्षद पति होने के साथ एक शरीफ चेहरा कहा जा सकता है पर चुनाव प्रचार मे वह दूर दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहे ऐसे में यहां से अकाली बसपा की स्थिती बहुत कमजोर दिख रही है। अब देखना ये है कि कौन सा प्रत्याशी यहां से अपने विरोधीयों को पटखनी दे कर जीत हासिल करता है। इसके अलावा मैदान में कुल 12 प्रत्याशी जालंधर नार्थ से चुनाव मैदान में हैं और बहुत से प्रत्याशी अच्छे होने के बावजूद प्रचार में बहुत पीछे हैं ऐसे में जनता को चाहिए पार्टीयों से उपर उठ कर प्रत्याशी के पूर्व कार्य देख कर अथवा अपने तौर पर जांच परख कर ही वोट करें।