इंदौर (डीएनआर): मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के छापों का सिलसिला जारी है। इस रेड को बेहद ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया। फिल्मी स्टाइल में आईटी अधिकारियों ने इंदौर के अलग-अलग टूर ऑपरेटरों से किराए पर टैक्सियां लीं और इन्हीं किराए की टैक्सियों से छापेमारी करने पहुंचे। शुरूआत में राज्य के अधिकारी इस मिशन से पूरी तरह अनभिज्ञ थे। इनकम टैक्स की छापेमारी से पहले किसी को भी कानोकान खबर नहीं हुई। आईटी अधिकारियों ने कुछ टूर ऑपरेटरों से सामान्य नागरिकों की तरह संपर्क किया और उनसे किराए पर दर्जनों गाड़ियां लीं। एक टूर ऑपरेटरों ने बताया कि उससे आठ ट्रैवलर किराए पर ली गईं लेकिन उसे नहीं पता कि उसकी गाड़ियां कौन किराए पर ले रहा है। उसे इस बात की जानकारी तब हुई जब उनके ड्राइवरों ने छापेमारी के बाद फोन पर उन्हें बताया कि उनलोगों को छापेमारी के लिए लाया गया है। आयकर विभाग के 300 अफसरों-कर्मचारियों ने सीआरपीएफ के 300 जवानों को साथ लेकर तीन राज्यों में 50 ठिकानों पर छापेमारी की। रविवार सुबह तीन बजे से छापेमारी शुरू की गई जो 34 घंटे बाद भी जारी है। इस छापेमारी में सीएम कमलनाथ के रिश्तेदार और उनके पूर्व और वर्तमान ओएसडी को निशाना बनाया गया। मुख्यमंत्री के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ का झाबुआ-आलीराजपुर से पुराना कनेक्शन है, वे आलीराजपुर में थाना प्रभारी रहे हैं। थानेदार की नौकरी छोड़ वो सांसद कांतिलाल भूरिया के निजी सचिव बने, लगातार संपर्क बढ़ते रहे और लगातार तरक्की करते रहे। कक्कड़ ने 2015 में रतलाम सीट पर लोकसभा उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया के पक्ष में सक्रिय रूप से काम किया. इस वजह से वे कांग्रेस के बड़े नेताओं में खासी पैठ बनाने में सफल हुए।]]>
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