नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट ने कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना किसी इंसान की हत्या से भी बदतर है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ के लिए एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने को मंजूरी दी है। साथ ही जुर्माने के खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति संबंधित अधिकारी या संस्थान से अनुमति लिए बिना पेड़ नहीं काट सकता।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट एक याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें एक व्यक्ति ने पेड़ काटने पर जुर्माना लगाने पर जुर्माना और कार्रवाई न करने की मांग की थी।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने स्पष्ट संदेश देते हुए कि संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना पेड़ों की अवैध कटाई करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। व्यक्ति नेसंरक्षित ताज ट्रेपेज़ियम क्षेत्र में 454 पेड़ काट दिए थे।
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