चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : Kotkapura Firing : कोटकपूरा-बहबल कलां Police Firing मामले के मुख्य आरोपी पूर्व IG Paramraj Umranangal को Union Home Ministry ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने उमरानंगल और उनके परिवार को सिख कट्टरपंथियों और आतंकियों से गंभीर खतरे की आशंका जताई है। इसके चलते केंद्र ने पंजाब सरकार को कहा है कि वह उमरानंगल को सुरक्षा प्रदान करें। परमराज उमरानंगल ने मंत्रालय से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आग्रह किया था। इस पर मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से राय मांगी थी।
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Central Security Agencies ने जो रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी है, उसके अनुसार, पंजाब में आतंकवाद के दौरान Umranangal के परिवार को सिख आतंकियों का सामना करना पड़ा था। उनके पिता को 1987 में Bhindranwala Tiger Force के आतंकियों ने मार डाला था। 1988 में गांव Umranangal में उनके परिवार पर भी आतंकियों ने कई बार हमले किए। पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि Kotkapura-Behbal Kalan Police Firing मामले में मुख्य आरोपी होने के कारण, Umranangal को भारत और विदेश में छिपे सिख कट्टरपंथियों की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
Kotkapura Firing : पूर्व में, प्रतिबंधित Organization Sikh for Justice (एसएफजे) के कानूनी सलाहकार Gurpatwant Singh Pannu ने उन पर और पंजाब के अन्य Senior Police Officers पर सिखों पर कथित अत्याचार का आरोप लगाया था और विदेशों में रहने वाले उनके परिजनों और रिश्तेदारों की पहचान जानने की कोशिश की थी। फरीदकोट में अक्तूबर, 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटना सामने आने के बाद कोटकपूरा में सिखों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान 14 अक्तूबर, 2015 को पुलिस ने धरना दे रहे सिखों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की, जिसमें दो प्रदर्शनकारी सिखों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। इस मामले में 3 बड़े Police Officers तत्कालीन DGP Sumedh Saini, IG Paramraj Umranangal और Charanjit Sharma को पंजाब का सिख समुदाय मुख्य दोषी मानता है और लगातार इनकी गिरफ्तारी की मांग करता रहा है।