नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : Ethanol Fuel Vehicle : अब देश में पेट्रोल डीजल से नहीं गन्ने के रस से गाड़ियां चलेगी। केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का सपना है कि देश में डीजल-पेट्रोल के खपत को कम किया जाए. पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों के इंधन में अधिक से अधिक इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाए. ताकि कच्चे तेल के आयात पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके. लेकिन अब 100 फिसदी इथेनॉल पर गाड़ियां चलेंगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने इस तरह के इंजन वाले वाहनों का निर्माण करने के लिए प्लांट लगाने भी शुरू कर दिए हैं। इसका प्रदूषण जीरो है, जो गन्ने के जूस से, शीरे, ब्रोकेन राइस से और मक्के से जो इथेनॉल बनता है, वो 100% इथेनॉल पे चलती है और इसकी विशेषता ये है की पेट्रोल की तुलना में अगर एवरेज की तुलना करे तो इसका रेट 25 प्रति लीटर आता है.
Ethanol Fuel Vehicle : एक रिपोर्ट अनुसार भारत का ईएसवाई 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य- या सालाना 990 करोड़ लीटर – इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए अनाज और गन्ना दोनों फीडस्टॉक के प्रभावी इस्तेमाल की जरूरत होगी। अनाज से वार्षिक इथेनॉल उत्पादन अगले सीजन तक 600 करोड़ लीटर तक बढ़ने की उम्मीद है। इस सीजन का उत्पादन अनुमान 380 करोड़ लीटर है। इससे चीनी के भंडार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।
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