
बिहार (वीकैंड रिपोर्ट) Cloud burst : उत्तर भारत इन दिनों भीषण बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार आगामी 2-3 दिनों तक मानसूनी सिस्टम बेहद सक्रिय रहेगा, जिससे बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की समस्याएं और अधिक गंभीर हो सकती हैं।
उत्तराखंड: बादल फटने से तबाही
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। महज कुछ मिनटों में पूरे गांव में पानी भर गया और कई घर बह गए। जानकारी के अनुसार अब तक कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दस से अधिक लोग लापता हैं। SDRF और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बिजली और संचार सेवाएं ठप हैं, जिससे राहत पहुंचाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। राज्य सरकार ने नैनीताल, चंपावत, पौड़ी और टिहरी जैसे जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। साथ ही पहाड़ी इलाकों में गैर-जरूरी यात्रा पर रोक लगा दी गई है। मौसम विभाग ने इन इलाकों में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश: सड़कों पर पहरे, 300 से ज्यादा रास्ते बंद
हिमाचल प्रदेश में भी बारिश ने कहर बरपाया है। अब तक राज्य में 310 से अधिक सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो चुकी हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हैं और कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। कुल्लू, चंबा, मंडी और कांगड़ा जिलों में बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और पहाड़ों की ओर न जाएं।बारिश की वजह से कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है और राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।
Cloud burst : उत्तर प्रदेश: गंगा-यमुना उफान पर, 13 जिले बाढ़ग्रस्त
उत्तर प्रदेश में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, बलिया, कानपुर और इटावा समेत 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। निचले इलाकों में पानी भर चुका है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। नगर निगम की व्यवस्थाएं पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही हैं। गोविंदपुर, राजापुर और छोटा बघाड़ा जैसे इलाकों में knee-deep जलभराव हो गया है। प्रशासन ने 100 से ज्यादा नावें राहत और बचाव कार्य के लिए लगाई हैं, साथ ही करीब 1.72 लाख लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल सहायता और निगरानी के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार से भी अतिरिक्त राहत सामग्री भेजने की मांग की गई है।
राजस्थान, एमपी और बिहार में भी हालात खराब
राजस्थान के कोटा, उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल और उज्जैन जिलों में जलभराव और सड़क धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। बिहार के पटना, दरभंगा और मधुबनी जिलों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
IMD का पूर्वानुमान और चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहा है। अब तक 22% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में उत्तर और पूर्वी भारत में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। विशेषकर 6 से 8 अगस्त के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हालात और बिगड़ सकते हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
निष्कर्ष:
इस वर्ष की बारिश ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून अब पहले से अधिक अनियमित और भयावह होता जा रहा है। सरकार और आम जनता दोनों को ऐसे संकटों से निपटने के लिए और अधिक सतर्क और तैयार रहना होगा। राहत कार्य तेज करना, बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना और समय रहते चेतावनी तंत्र को क्रियाशील करना आज की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है।
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