चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : कोविड-19 के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राज्य के लिए निर्विघ्न ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की। उन्होंने ऑक्सीजन के पंजाब के कोटे को चंडीगढ़ के साथ जोड़ने पर भी आपत्ति जताई है।
सीएम ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने रोजाना के आधार पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की सप्लाई करने वालों द्वारा निर्विघ्न ऑक्सीजन मुहैया करवाने के अनुरोध पर तुरंत विचार करने की मांग की। उन्होंने यह भी अपील की कि पंजाब को रोजाना 120 एमटी मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए। यह पंजाब के कोटे में से पीजीआई चंडीगढ़ को दिए जाने वाले 22 एमटी हिस्से से अलग हो।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं में मेडिकल ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता 300 एमटी है, लेकिन मौजूदा हालात में पंजाब में इसकी रोजाना जरूरत 105-110 एमटी के आसपास है। यह जरूरत अगले दो हफ्तों में बढ़कर 150-170 एमटी तक पहुंच सकती है।
केंद्रीय कंट्रोल ग्रुप ने पंजाब की अलॉटमेंट घटाई
कैप्टन ने ध्यान दिलाया कि केंद्रीय कंट्रोल ग्रुप ने 15 अप्रैल को 126 एमटी ऑक्सीजन अलॉट की थी, लेकिन यह 25 अप्रैल से घटाकर 82 एमटी कर दी गई। यह राज्य की जरूरतें पूरी करने के लिए अपर्याप्त है। इसके अलावा केंद्रीय अलॉटमेंट कंट्रोल रूम ने पंजाब की अलॉटमेंट को चंडीगढ़ (22 एमटी) के साथ मिला दिया है। इससे पंजाब का हिस्सा और कम हो गया है।
पंजाब की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उत्पादकों व डिस्ट्रीब्यूटरों को सप्लाई और लिक्विड ऑक्सीजन को दोबारा भरने का काम राज्य से बाहर के उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है क्योंकि पंजाब में कोई भी एलएमओ प्लांट नहीं है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा दो महीने पहले मंजूर किए गए पीएसए प्लांटों को भी जल्द स्थापित करने की मांग दोहराई है।
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