नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) – 13 year old rape victim allowed to have abortion... उड़ीसा हाईकोर्ट ने 6 महीने (27 हफ्ते) की गर्भवती 13 साल की रेप पीड़ित को गर्भपात (अबॉर्शन) की अनुमति दी है। वह सिकल सेल एनीमिया और मिर्गी से पीड़ित है। कोर्ट ने माना कि प्रेग्नेंसी से बच्ची के जीवन और सेहत को गंभीर खतरा है। बीमारियों की वजह से बच्चे को जन्म देना उसके लिए बहुत खतरनाक हो सकता था।
13 year old rape victim allowed to have abortion… ओडिशा के कंधमाल की रहने वाली पीड़ित अनुसूचित जाति (SC) से है। पिछले साल एक लड़के ने उसके साथ कई बार रेप किया। 11 फरवरी को दर्ज की गई एफआईआर के बाद पीड़िता की चिकित्सकीय जांच की गई, जिसमें गर्भावस्था और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों की पुष्टि हुई। इसके बाद मामला उड़ीसा उच्च न्यायालय में लाया गया, जहां उसके पिता ने गर्भावस्था से होने वाली जानलेवा जटिलताओं का हवाला देते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी।
गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन (एमटीपी) अधिनियम नाबालिगों और बलात्कार पीड़ितों सहित कुछ श्रेणियों के लिए 24 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था के गर्भपात की भी अनुमति देता है। अदालत ने पिछले महीने अपने आदेश में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को उसकी स्थिति का आकलन करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया था।
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