
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): आपने अब तक देखा होगा कि जब भी वित्त मंत्री बजट पेश करने जाते थे तो उनके हाथ में एक सूटकेस (ब्रीफकेस) भी होता था। उस ब्रीफकेस में वित्त मंत्री बजट के दस्तावेज लेकर आते थे। लेकिन इस बार कुछ ऐसा नजारा नहीं दिखा। दरअसल अब तक हर वित्त मंत्री बजट पेश करने से पहले सूटकेस के साथ फोटो खिंचवाते थे।
लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार सूटकेस वाली परंपरा तोड़ दी हैं। वित्त मंत्री जब मंत्रालय पहुंचीं तो उन्होंने हर किसी को चौंका दिया। हर बार बजट पर तस्वीर आती थी कि वित्त मंत्री के हाथ में एक रेड ब्रीफकेस होता है। उनके हाथ में एक मखमली लाल कपड़ा था, जिसमें बजट की कॉपी बंद थी। लाल कपड़े में भारत का राष्ट्र चिन्ह बना हुआ था और इसे लाल-पीले रिबन से बांधा गया था।
बताया जाता है कि 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे। तभी से यह परंपरा निकल पड़ी। ब्रिटेन के वित्त मंत्री अपने साथ लाल रंग के लेदर सूटकेस का इस्तेमाल करते हैं। इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बकल स्ट्रैप लेदर केस में और प्रणब मुखर्जी का रेड वेलवेट सूटकेस में दस्तावेज लेकर बजट पेश करने पहुंचते थे। एक तरह से सूटकेस की परंपरा भारत सरकार को अंग्रेजी से मिली थी। आजादी के बाद 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने भी बजट पेश करने के लिए लाल सूटकेस के साथ पहुंचे थे।
1998-99 के बजट के दौरान वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने चमड़े के बैग को पट्टियों और बकल के साथ प्रचलन में लेकर आए थे। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 1991 में अपने प्रसिद्ध बजट के दौरान एक अलग रंग के बैग को प्राथमिकता दी थी। जब प्रणब मुखर्जी यूपीए के शासन में वित्त मंत्री थे, तो वे एक लाल रंग के बॉक्स के साथ संसद में आए, जो ब्रिटेन में इस्तेमाल होने वाले बैग की तरह दिखता था।]]>
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