
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): भाजपा को प्रचंड बहुमत के साथ मिली जीत के बाद गुरुवार को नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिमस्टेक राष्ट्रों समेत 14 देशों के नेता इसमें शिरकत करेंगे। वहीं देश भर की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी बिना भेदभाव के इस समारोह में आमंत्रित किया गया है। सूत्रों की मानें तो इस विशाल समारोह में 6000 से 6500 लोगों के शामिल होने की संभावना है। इनमें देश-विदेश के नेताओं के अलावे बुद्धिजीवी, राजनीतिक विश्लेषक, फिल्म स्टार, सेलिब्रेटी और मीडिया जगत से लोग शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी की तरफ से समारोह को साधारण और गंभीर रूप देने निर्देश मिले हैं। एक गंभीर अवसर को ध्यान में रखते हुए इसे सादगीपूर्ण और गरिमामय बनाने पर जोर दिया गया है। 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सार्क देशों के प्रमुखों के अलावा करीब 4000 मेहमानों ने हिस्सा लिया था। कहा जा रहा है कि यह समारोह भी लगभग 2014 के कार्यक्रम जैसा ही होगा। बावजदू इसके नरेंद्र मोदी का यह दूसरा शपथग्रहण समारोह कई मायनों में खास होगा। शपथ ग्रहण समारोह इस बार राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगा। राज्य के प्रमुखों और देशों के शासनाध्यक्षों के औपचारिक स्वागत के लिए मुख्य द्वार और भवन के बीच एक भव्य रास्ता बनाया जाएगा। यह चौथा मौका होगा जब प्रधानमंत्री पद की शपथ दरबार हॉल की जगह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगी। खबरों के अनुसार, सबसे पहले चंद्रशेखर ने 1990 में बाहरी प्रांगण में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में और इसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी ने बाहरी परिसर में शपथ ग्रहण की थी।]]>
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