जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): एचएमवी कालेजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कालेज प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के प्रोत्साहानात्मक दिशा-निर्देशन एवं योग्य नेतृत्व के अन्तर्गत ‘आशावादी विचारों के माध्यम से जीवन को संतुष्टि प्रदान करना’ शृंखला के अधीन ‘प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया का इष्टतम उपयोग’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का शुभारंभ प्रकाश की ज्योति प्रज्ज्वलित कर एवं सर्वमंगल कामना हेतु ज्ञान का प्रतीक गायत्री मंत्र का गायन कर किया गया।
सर्वप्रथम प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस अवसर पर आमन्त्रित मुख्य स्रोत वक्ता सुश्री रमनप्रीत (सीईओ, शमशीर स्कूल ऑफ मीडिया आट्र्स, जालंधर) का सह्रदय स्वागत किया एवं अपने संबोधन में कहा कि जब मीडिया की बात आती है तो जानना जरूरी है कि विषय कैसा है, क्या सही है, क्या गलत है, इसकी पहचान होना जरूरी है ताकि जीवन को श्रेष्ठ बनाया जा सके।
इसलिए शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वो छात्राओं को केवल शैक्षणिक क्षेत्र में ही योग्य न बनाएं बल्कि उसकी विश्लेषणात्मक सोच में बढ़ौतरी करने में योगदान दें ताकि सकारात्मक सोच के साथ वह क्षेत्र में पूरी कर्मठता, निष्ठा, सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ आगे बढ़ सकें। समापन समारोह के मुख्य स्रोत वक्ता सुश्री रमनप्रीत ने प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया का इष्टतम उपयोग विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया में छात्राओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए भाषाओं का सर्वोच्च ज्ञान, शब्दों का शुद्ध उच्चारण, आवाज पर नियन्त्रण एवं विषय संबंधी पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है जिसके माध्यम से आप अपने विचारों, भावों और कल्पनाओं को अभिव्यक्ति का रूप प्रदान कर सकते हो। इसके लिए निरंतर अभ्यास, पत्र-पत्रिकाओं का पठन-पाठन, दस्तावेजी फिल्मस देखकर, हस्तियों के साक्षात्कारों को सुनकर आदि उपरोक्त सभी कलाओं में निपुणता हासिल कर सकते हैं।
श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने इस विषय पर विचार सांझा करते हुए कहा कि मीडिया शब्द अपने आप में ही एक अर्थ प्रकट करता है एवं इसके महत्व के विषय में बताया। इसके साथ ही उन्होंने संस्था में चल रहे मीडिया के साथ संबंधित विभिन्न कोर्सों के विषय में जानकारी प्रदान की। अंत में उन्होंने प्राचार्या डा. अजय सरीन के उत्तम नेतृत्व अधीन आयोजित इस शृंखलात्मक व्याख्यान को सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापन ज्ञापित किया एवं समस्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। व्याख्यान के मध्यस्थ की भूमिका सुश्री ऋचा शर्मा ने निभाई।