जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): हंस राज महिला महाविद्यालय के पीजी विभाग बायोइन्फारमैटिक्स की छात्राएं देश-विदेश में उच्च पदों पर आसीन होकर कालेज व अध्यापकों के नाम को गौरवान्वित कर रही हैं। विभाग की छात्रा कु. निशा राणा इस समय जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोबायोलाजी एंड एपिजेनेटिक्स में कार्यरत है। उनका कहना है कि एचएमवी से बायोइन्फारमैटिक्स में एम.एस.सी. करने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। पीजी कोर्स में उन्हें डीबीटी की ओर से फैलोशिप मिली जिससे उन्होंने अपना रिसर्च कार्य किया। इसके बाद बैंगलुरू तथा हैदराबाद में भी काम किया। अब वह स्टार्टअप सनोत्रा बायोडिजिटलस की टेक्निकल फाऊंडर भी है। अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय वह अपने अध्यापकों को देती हैं, जिनकी गाइडेंस में वह इतना सफर तय कर पाई हैं।
कु. अंजलि ढल्ल भी बायोइन्फारमैटिक्स में एमएससी करने के बाद कैंसर के मरीजों के बचाव पर काम कर रही है। विभागाध्यक्ष डा. हरप्रीत सिंह ने बताया कि एमएससी के दौरान अंजलि गोल्ड मैडलिस्ट रही है। अंजलि का इंटरेस्ट एरिया इम्यूनो-इनफारमैटिक्स तथा पर्सनलाइज्ड मेडिसन रहा है। अभी हाल ही में उनकी टीम ने कोरोना वायरस के क्षेत्र में दो कम्प्यूटेशनल विधियां विकसित की हैं ताकि इस क्षेत्र में हो रही रिसर्च में मदद मिल सके। अंजलि ढल्ल ने अपने अध्यापकों व संस्थान का बेहतरीन मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद किया। प्राचार्या प्रो. डा. (श्रीमती) अजय सरीन ने दोनों छात्राओं, डा. हरप्रीत सिंह व श्रीमती पूर्णिमा को बधाई दी।